रेखा गुप्ता की सुरक्षा कड़ी: 22 CRPF कमांडो और हाईटेक गाड़ियों से होगा सीएम का पहरा

राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा हमेशा से ही संवेदनशील मुद्दा रही है। हाल ही में हुए हमले और उसके बाद हुए घटनाक्रम ने एक बार फिर इस विषय को चर्चा में ला दिया है। खासतौर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को हुए हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। इसके बाद राज्य सरकार ने उनकी सुरक्षा को अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से उनकी सुरक्षा को Z-कैटेगरी CRPF कवर प्रदान किया है, जो पहले दिल्ली पुलिस द्वारा दी जा रही Z-प्लस सुरक्षा से अलग है। गुरुवार (21 अगस्त 2025) से CRPF ने उनकी सुरक्षा की कमान संभाल ली है। अब सीएम रेखा गुप्ता को 22 सीआरपीएफ कमांडो और अत्याधुनिक बुलेटप्रूफ गाड़ियों से लैस नया सुरक्षा कवच मुहैया कराया गया है।

हमले के बाद सुरक्षा सख्त

दरअसल, बुधवार को हुए हमले में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बाल-बाल बचीं। उस घटना ने प्रशासन और खुफिया एजेंसियों को झकझोर कर रख दिया। इसके तुरंत बाद गृह मंत्रालय से लेकर राज्य पुलिस तक ने सुरक्षा की गहन समीक्षा की और तय किया गया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को और मजबूत करना जरूरी है। इसी कड़ी में सीआरपीएफ के 22 विशेष कमांडो की तैनाती की गई है। ये कमांडो न सिर्फ आधुनिक हथियारों से लैस हैं, बल्कि वीवीआईपी सुरक्षा की खास ट्रेनिंग भी ले चुके हैं।

हाईटेक बुलेटप्रूफ गाड़ियां

आपको बता दें, नए सुरक्षा कवच का सबसे अहम हिस्सा हैं वे बुलेटप्रूफ गाड़ियां, जिन्हें विशेष रूप से सीएम रेखा गुप्ता के लिए मंगवाया गया है। ये गाड़ियां न सिर्फ बुलेटप्रूफ हैं, बल्कि इनमें बम और आईईडी हमलों से बचाव की भी तकनीक मौजूद है। इसके अलावा गाड़ियों में ट्रैकिंग सिस्टम, नाइट विजन कैमरा और रीयल-टाइम कम्युनिकेशन की सुविधाएं भी दी गई हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का कवच किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति में मुख्यमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

कार्यक्रम में फिर हंगामा

हालांकि नई सुरक्षा व्यवस्था लागू होने के बावजूद शनिवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के एक कार्यक्रम में फिर से हंगामा देखने को मिला। जानकारी के अनुसार, एक शख्स अचानक मंच की ओर बढ़ने लगा। सुरक्षा में मौजूद जवानों ने तुरंत उसे पकड़कर बाहर किया। हालांकि यह घटना मामूली थी, लेकिन इसने सुरक्षा घेरे की चुनौती को एक बार फिर उजागर कर दिया। लोगों की भीड़ में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का प्रवेश सुरक्षा बलों के लिए हमेशा जोखिम भरा होता है।

सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती

राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मुख्यमंत्री को जनता से दूर किए बिना सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता से सीधा संवाद जरूरी है, लेकिन बढ़ते हमलों के खतरे ने एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है। सीआरपीएफ के कमांडो और नई गाड़ियों के बावजूद सुरक्षा एजेंसियां लगातार रणनीति पर काम कर रही हैं।

जनता की उम्मीदें 

जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सुरक्षित रहते हुए भी जनता से जुड़ी रहें और उनकी समस्याओं का समाधान करती रहें। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीक और मानवीय सतर्कता के बीच संतुलन बनाना इस समय सबसे अहम है। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में और नए उपकरण और प्रोटोकॉल जोड़े जा सकते हैं।  

सीएम रेखा गुप्ता पर हुए हमले के बाद जो नई सुरक्षा कवच तैयार किया गया है, वह दिखाता है कि सरकार और एजेंसियां अब किसी भी प्रकार का जोखिम उठाने के मूड में नहीं हैं। 22 सीआरपीएफ कमांडो और हाईटेक गाड़ियां मुख्यमंत्री की सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाएंगी।


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