दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को मिली Z श्रेणी की सुरक्षा, हमले के आरोपी को पांच दिन की रिमांड

दिल्ली की राजनीति में बुधवार का दिन बेहद सनसनीखेज साबित हुआ, जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला किया गया। इस घटना ने केवल दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए बल्कि देशभर में हलचल मचा दी। हमले के बाद केंद्र सरकार ने तुरंत बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को जेड श्रेणी की CRPF सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया। साथ ही इस हमले के आरोपी, राजकोट (गुजरात) के 41 वर्षीय राजेश खिमजी सकारिया को दिल्ली पुलिस ने पांच दिन की रिमांड पर लिया है।

 हमले की घटना

 दरअसल 20 अगस्त, बुधवार की सुबह करीब 8:15 बजे दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर उस समय हमला हुआ जब वह सिविल लाइन्स स्थित कैंप कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान नागरिकों से मुलाकात कर रही थीं। जनसुनवाई में याचिकाकर्ता बनकर पहुंचे आरोपी राजेश खिमजी ने अचानक सीएम पर हमला बोल दिया। आरोप है कि उसने रेखा गुप्ता के बाल खींचे, उन्हें धक्का दिया और थप्पड़ भी मारा। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने राजेश के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109(1) (हत्या का प्रयास), धारा 132 (सार्वजनिक सेवक पर हमला) और धारा 221 (सार्वजनिक सेवक को बाधित करना) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 केंद्र का बड़ा फैसला

 अब इस हमले को देखते हुए केंद्र सरकार ने रेखा गुप्ता को Z कैटेगरी सिक्योरिटी कवर देने की घोषणा की। इस सुरक्षा में करीब 55 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं, जिनमें CRPF के कमांडो भी शामिल होते हैं। अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सुरक्षा व्यवस्था में नजदीकी और दूर-दराज दोनों स्तरों पर चाक-चौबंद पहरा रहेगा।

 आरोपी राजेश पुलिस रिमांड में

 बता दें, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में राजेश नामक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने सीएम पर हमला करने की कोशिश की थी। गुरुवार को अदालत ने आरोपी को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हमला सिर्फ व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा था या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है। पुलिस अधिकारी आरोपी से पूछताछ कर उसकी पृष्ठभूमि और संपर्कों की भी जांच कर रहे हैं।

 हलाकि शुरूआती पुलिस जांच में पता चला कि राजेश खिमजी पहली बार दिल्ली आया था और मंगलवार, 19 अगस्त को राजकोट से ट्रेन के जरिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा। उसने सिविल लाइन्स के गुजराती भवन में रात बिताई और हमले से पहले मुख्यमंत्री के शालीमार बाग स्थित निजी आवास की रेकी की थी। सीसीटीवी फुटेज में राजेश को मुख्यमंत्री के आवास के आसपास घूमते और वीडियो बनाते देखा गया, जिससे पुलिस ने इसे एक सुनियोजित हमला माना है।

 वही दिल्ली पुलिस की पूछताछ में आरोपी राजेश ने चौंकाने वाले दावे किए हैं। उसने बताया कि वह अपने घर में बने शिव मंदिर में शिवलिंग की पूजा करता है और आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद उसे शिवलिंग में भगवान शिव के भैरव स्वरूप के दर्शन हुए। राजेश का कहना है कि भैरव स्वरूप में आए कुत्ते ने उसे दिल्ली जाकर अपनी बात रखने का आदेश दिया। इसी संदेश के आधार पर वह उज्जैन से दिल्ली पहुंचा। आरोपी ने बताया कि उसने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से आवारा कुत्तों को दिल्ली से बाहर करने की अपील की थी, लेकिन उनकी अनसुनी करने पर उसने हमला कर दिया।

 जनता की प्रतिक्रिया

 अब घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने चिंता जताई। आम नागरिकों ने सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा हों। वहीं, समर्थकों ने रेखा गुप्ता के साहस और संयम की तारीफ की कि उन्होंने हमले के बाद भी जनता से जुड़े अपने कार्यक्रम रद्द नहीं किए।

 बहरहाल, सीएम रेखा गुप्ता पर हमला दिल्ली की राजनीति और सुरक्षा तंत्र दोनों के लिए एक बड़ा सबक है। केंद्र द्वारा उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किया जाना इस बात का संकेत है कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर है। साथ ही आरोपी की रिमांड से इस हमले के पीछे की सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। यह घटना साबित करती है कि राजनीतिक नेतृत्व की सुरक्षा केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि लोकतंत्र की सुरक्षा से भी जुड़ी होती है।

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