ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश की मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। आगरा कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर रिवीजन याचिका को स्वीकार कर लिया है। यह मामला किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह से जुड़ा हुआ है। अब 29 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी।
किसान आंदोलन से जुड़ा है मामला
आगरा में अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कंगना रनौत के खिलाफ 11 सितंबर 2024 को एमपी एमएलए कोर्ट में एक वाद दायर किया था। इस वाद में अधिवक्ता ने कंगना पर किसानों के अपमान और महात्मा गांधी के अपमान का आरोप लगाया था। यह मामला किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत के कुछ विवादास्पद बयानों से जुड़ा हुआ है।
किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट किए थे जो विवादों में घिर गए थे। उनके इन बयानों को लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने इन्हीं बयानों को आधार बनाकर कंगना के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
पहले खारिज हुई थी याचिका
दायर वाद में 9 महीने सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए ने अधूरी व्याख्या पर वाद को खारिज कर दिया था। 6 मई 2025 को लोअर कोर्ट ने अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा का वाद खारिज कर दिया था। इसके बाद अधिवक्ता ने रिवीजन याचिका दायर करने का फैसला किया।
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कहा कि मैंने रिवीजन याचिका दायर की थी। रिवीजन में सुनवाई के बाद स्पेशल जज एमपी एमएलए लोकेश कुमार ने यह आदेश दिया है कि मेरा रिवीजन स्वीकार किया गया है। अब 29 नवंबर को इस मामले में सुनवाई होगी।
राष्ट्रद्रोह के गंभीर आरोप
कंगना रनौत पर राष्ट्रद्रोह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अधिवक्ता का कहना है कि कंगना के बयानों से देश की एकता और अखंडता को खतरा हो सकता था। उन्होंने किसानों के खिलाफ ऐसे बयान दिए जो देश विरोधी माने जा सकते हैं।
राष्ट्रद्रोह एक गंभीर अपराध है और इसमें सजा का प्रावधान भी काफी सख्त है। अगर कंगना इस मामले में दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें कड़ी सजा हो सकती है। हालांकि अभी मामला शुरुआती दौर में है और कोर्ट में सुनवाई चलनी बाकी है।
महात्मा गांधी के अपमान का आरोप
कंगना रनौत पर महात्मा गांधी के अपमान का भी आरोप लगाया गया है। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा का कहना है कि कंगना ने अपने कुछ बयानों में महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं और उनका अपमान करना देश का अपमान करने जैसा है।
किसान आंदोलन के दौरान कंगना ने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे पोस्ट किए थे जिनमें उन्होंने महात्मा गांधी की तुलना किसान नेताओं से की थी। इन पोस्ट को लेकर काफी विवाद हुआ था और कई लोगों ने इसकी निंदा की थी।
कंगना का राजनीतिक सफर
कंगना रनौत ने 2024 में राजनीति में कदम रखा था। बीजेपी ने उन्हें हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से टिकट दिया था। चुनाव में उन्होंने जबरदस्त जीत दर्ज की और सांसद बन गईं। हालांकि राजनीति में आने के बाद से ही वे विवादों में घिरी हुई हैं।
कंगना अपनी बेबाक और खरी-खरी बोलने की शैली के लिए जानी जाती हैं। लेकिन कई बार उनके बयान विवादों में घिर जाते हैं। किसान आंदोलन के दौरान भी उन्होंने कई ऐसे बयान दिए थे जो सुर्खियों में आए थे।
सोशल मीडिया पर रहती हैं सक्रिय
कंगना रनौत सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहती हैं। वे अक्सर अपने विचार ट्विटर और इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं। उनके ये पोस्ट कई बार विवादों में घिर जाते हैं। किसान आंदोलन के दौरान भी उनके कई ट्वीट चर्चा में आए थे।
कंगना के सपोर्टर्स कहते हैं कि वे सच बोलने से नहीं डरतीं लेकिन आलोचक कहते हैं कि उन्हें अपने बयानों में संयम बरतना चाहिए। सांसद होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसे बयान न दें जो विवाद का कारण बनें।
आगे क्या होगा
अब देखना यह है कि 29 नवंबर की सुनवाई में क्या होता है। कंगना की ओर से कानूनी टीम इस मामले को लड़ेगी। उनके वकील इस बात को साबित करने की कोशिश करेंगे कि कंगना के बयानों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
दूसरी तरफ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा अपने सबूतों के साथ कोर्ट में पेश होंगे। वे यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि कंगना के बयान देश विरोधी थे और उन्होंने किसानों और महात्मा गांधी का अपमान किया था।
यह मामला राजनीतिक रूप से भी बहुत संवेदनशील है क्योंकि कंगना बीजेपी सांसद हैं। देखना होगा कि बीजेपी इस मामले में क्या रुख अपनाती है। फिलहाल कंगना की ओर से इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है।
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