‘उदयपुर फाइल्स’ को सेंसर से मंजूरी मिली, पर अब सुप्रीम कोर्ट ने क्यों रोक दी रिलीज?

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‘कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ एक बार फिर चर्चा में है। ये फिल्म 2022 में राजस्थान के उदयपुर में हुई दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित है, लेकिन अब इस पर कोर्ट और सेंसर बोर्ड की सख्त नजर है।


दरअसल, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की एक स्क्रीनिंग समिति ने इस फिल्म को थिएटर में रिलीज करने से पहले 6 जरूरी बदलाव करने को कहा है।


समिति ने फिल्म देखी और इसके कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई। प्रोड्यूसर्स ने इन बदलावों को स्वीकार भी कर लिया।


लेकिन इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है।


कोर्ट ने कहा है कि जब तक याचिकाकर्ता समिति के फैसले पर अपनी आपत्तियां नहीं रखते, तब तक ये फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज नहीं हो सकती।


क्या हैं वो 6 बदलाव जो फिल्म में किए गए?


फिल्म में कई ऐसे हिस्से थे, जिन्हें या तो बदला गया या पूरी तरह से हटा दिया गया। वो 6 अहम बदलाव ये हैं:


  1. फिल्म में जो डिस्क्लेमर था, उसे हटाकर नया डिस्क्लेमर शामिल किया गया है। इसके साथ ही अब एक वॉइसओवर भी होगा ताकि बात और साफ हो सके।


  1. फिल्म के क्रेडिट्स में उन लोगों का नाम हटाया गया है, जिन्हें ‘थैंक यू’ कहकर दिखाया गया था। समिति ने इसे हटाने को कहा क्योंकि कुछ नामों पर सवाल उठाए गए थे।


  1. फिल्म में एक सीन था जिसमें AI टेक्नोलॉजी से सऊदी अरब की पगड़ी जैसा लुक दिखाया गया था। इस सीन को अब बदल दिया गया है।


  1. नूतन शर्मा नाम के किरदार को अब पूरी तरह से फिल्म से हटा दिया गया है। उनका नाम अब किसी भी पोस्टर या सीन में नहीं होगा।


  1. नूतन शर्मा का एक डायलॉग था, “मैंने तो वही कहा है जो उनके धर्म ग्रंथ में लिखा है।” इस लाइन को भी हटा दिया गया है क्योंकि इसे आपत्तिजनक माना गया।


  1. कुछ और डायलॉग जैसे, “हाफिज: बालूची कभी वफादार नहीं होता”, “मकबूल: बालूची की…”, और “अरे क्या बालूची, क्या अफगानी, क्या हिंदुस्तानी क्या पाकिस्तानी”, इन सब को भी फिल्म से हटा दिया गया है।


तो क्या अब फिल्म रिलीज हो पाएगी?


फिलहाल नहीं। हालांकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की समिति ने फिल्म को हरी झंडी दे दी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक इस पर अस्थायी रोक लगा दी है।


कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वो अपनी आपत्तियां दर्ज करें, और तब जाकर अगली सुनवाई में कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा।


सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। तब तक फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज नहीं किया जा सकता।


सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि मंत्रालय की समिति ने याचिकाकर्ताओं की आपत्तियां सुनने के बाद ही बदलाव की सिफारिश की थी।


फिल्म की कहानी क्या है?


ये फिल्म उदयपुर में हुई एक दर्दनाक हत्या की सच्ची घटना पर आधारित है। जून 2022 में दर्जी कन्हैया लाल की दुकान पर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।


ये दावा किया गया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट की थी, जिसके जवाब में उनकी हत्या की गई।


इस हत्या ने देशभर में आक्रोश पैदा कर दिया था। बाद में इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई।


आरोपियों का नाम मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस बताया गया। फिलहाल इस केस की सुनवाई जयपुर की विशेष एनआईए कोर्ट में चल रही है।


क्यों हो रही है इतनी आपत्ति?


इस फिल्म को लेकर विरोध इसलिए भी हो रहा है क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि ये फिल्म धार्मिक भावना को भड़काने का काम कर सकती है।


साथ ही फिल्म में जिन नामों या डायलॉग्स का इस्तेमाल किया गया है, वो सीधे किसी समुदाय को टारगेट करते हैं।


कोर्ट ने भी इसी आधार पर कहा कि जब तक पूरी समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक फिल्म रिलीज नहीं हो सकती।


क्या आगे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ सकती है फिल्म?


इसका जवाब फिलहाल साफ नहीं है। अगर सुप्रीम कोर्ट रिलीज की इजाज़त नहीं देता, तो प्रोड्यूसर्स OTT या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की तरफ जा सकते हैं।


लेकिन वहां भी सर्टिफिकेशन और वैधानिक प्रक्रियाएं जरूरी होती हैं। इसलिए मामला अभी पूरी तरह अधर में है।


आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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