विवेक ओबेरॉय ने खोला 2003 का विवाद और निजी जिंदगी का सच

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बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता विवेक ओबेरॉय का करियर और पर्सनल लाइफ कई सालों तक सुर्खियों में रहा। उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन फिलहाल वह अपनी निजी जिंदगी में संतुष्ट और खुश हैं। हाल ही में विवेक ने प्रखर गुप्ता के पॉडकास्ट में अपने जीवन और करियर के कठिन दौर के बारे में खुलकर बात की।

2003 की प्रेस कॉन्फ्रेंस और विवाद

विवेक ने साल 2003 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सलमान खान पर ऐश्वर्या राय को धमकी देने का आरोप लगाया था। उस वक्त यह घटना मीडिया में खूब चर्चा में रही। विवेक का कहना है कि उस समय उनके जीवन में करियर और पर्सनल लाइफ दोनों ही मुश्किल दौर में थे। कई फिल्में छोड़ दी गईं, उन्हें काम मिलने से रोका गया और फोन पर धमकियां मिल रही थीं। इस पूरे विवाद ने उनके करियर पर गहरा असर डाला और वह अचानक लाइमलाइट से बाहर चले गए।

भावनात्मक दौर और परिवार का सहारा

पॉडकास्ट में विवेक ने बताया कि कठिन दौर में वह बहुत भावुक और संवेदनशील बने हुए थे। जब सब कुछ उल्टा चल रहा था, तो उन्होंने अपनी मां के गोद में सिर रखकर रोया। उनकी मां ने उन्हें समझाया और उदाहरण देकर उनके डर और उलझनों को हल्का किया। विवेक ने कहा कि माता-पिता का समर्थन जीवन के मुश्किल समय में बहुत बड़ा सहारा होता है।

बच्चों से सीखना और जीवन का नजरिया

विवेक ने अपने बच्चों, 12 साल के विवान और 10 साल की बेटी से प्रेरणा लेने का जिक्र किया। उनके अनुसार बच्चों की मासूमियत और उनकी छोटी-छोटी समस्याएं उन्हें अपने जीवन की बड़ी परेशानियों पर हंसना सिखाती हैं। विवेक ने कहा कि भगवान भी हमारी परेशानियों को देखकर हमें मजबूत बनाने की कोशिश करते हैं। अब उन्हें अपने पुराने डर, कड़वाहट और जख्म फनी और बचपना लगते हैं।

ऐश्वर्या राय के साथ ब्रेकअप और जिंदगी की समझ

विवेक ने ऐश्वर्या राय के साथ अपने ब्रेकअप के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि उस समय उनका दिल टूट गया था और यह अनुभव बेहद अकेला और डरावना था। हालांकि अब वह उस दौर को पीछे छोड़कर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुके हैं। विवेक का कहना है कि मुश्किल दौर हमें जीवन में मजबूत बनाते हैं और हमें सबक सिखाते हैं।

जीवन दर्शन और सकारात्मक सोच

विवेक ओबेरॉय ने देव आनंद के गाने का उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन में हर डर और परेशानी को जैसे धुएं में उड़ाना चाहिए। उनके अनुसार, कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण और उम्मीद बनाए रखना बेहद जरूरी है। विवेक ने यह भी कहा कि जीवन में संवेदनशील होना और भावनाओं को समझना हमारे अनुभवों को गहरा बनाता है।

बहरहाल, विवेक ओबेरॉय का जीवन यह सिखाता है कि चाहे करियर में कठिनाइयाँ हों या व्यक्तिगत जीवन में दुख, सही दृष्टिकोण और परिवार का सहारा हमें मुश्किल समय में भी आगे बढ़ने की शक्ति देता है। अब विवेक अपनी जिंदगी में संतुष्ट हैं और अपने अनुभवों से सबक लेकर एक खुशहाल और सकारात्मक जीवन जी रहे हैं।


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