कहते हैं बाप-बेटे का रिश्ता सबसे खास होता है, लेकिन अगर वही बाप अमिताभ बच्चन हों और बेटा उनके साथ बड़े पर्दे पर डेब्यू कर रहा हो तो घबराहट तो लाजमी है।साल 2005 की फिल्म ‘सरकार’ में जब अभिषेक बच्चन पहली बार अपने पिता के साथ शूट कर रहे थे, तो एक सीन के दौरान हुई चूक उन्हें इतनी भारी पड़ी कि उन्हें अपने पिता की नाराज़गी का सामना करना पड़ा।खुद अभिषेक ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में इस घटना का खुलासा किया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया।अभिषेक बोले, “डायलॉग बस 'जी' कहना था, मगर कंपकंपी छूट रही थी”इंटरव्यू में अभिषेक बच्चन ने बताया कि फिल्म ‘सरकार’ की शूटिंग के पहले ही दिन उन्हें अपने पिता अमिताभ बच्चन के साथ एक छोटा सा सीन करना था।सीन में बस उन्हें मुड़कर कहना था, "जी?" लेकिन वे इतने नर्वस थे कि उनकी आवाज तक नहीं निकल रही थी।अभिषेक ने कहा, “राम गोपाल वर्मा ने कहा था कि कुछ टेस्ट शूट करेंगे और फिर मैं अपनी दूसरी फिल्म ‘बंटी और बबली’ की शूटिंग पर चला जाऊंगा। लेकिन जैसे ही सीन शुरू हुआ, मैं पसीने-पसीने हो गया।”बिग बी ने बुलाया कार में, फिर सुनाई खरी-खोटीअभिषेक ने आगे बताया कि शूटिंग खत्म होने के बाद वे चुपचाप अपनी वैनिटी वैन में जा बैठे, सोच रहे थे कि पापा निकल जाएंगे।लेकिन बिग बी खुद आए और बोले, “चलो, साथ चलते हैं।” पूरे रास्ते दोनों खामोश रहे। लेकिन असली तूफान तब आया जब कार उनके जुहू स्थित घर के ड्राइववे में पहुंची।“कार में हम दोनों बैठे थे, स्टाफ बाहर चला गया। पापा चुपचाप सामने देख रहे थे। फिर अचानक मेरी ओर मुड़े और बोले, ‘इसलिए इतने साल मेहनत करके पढ़ाया था तुझे? डायलॉग बोलना भी नहीं आता?’उनकी आंखों में जो नाराज़गी थी, मुझे लगा मैंने कोई बहुत बड़ा जुर्म कर दिया है। वो पूरी तरह से मुझे तोड़ कर रख दिया,” अभिषेक ने बताया।'सरकार' ने दी अभिषेक को पहचान, और सिखाया अभिनय का असली मतलब2005 में रिलीज़ हुई ‘सरकार’ केवल एक फिल्म नहीं थी, ये एक कड़ी परीक्षा थी पिता-पुत्र के लिए। अमिताभ बच्चन जहां पहले ही अभिनय की दुनिया के शिखर पर विराजमान थे, वहीं अभिषेक अपने अभिनय के शुरुआती पड़ाव में थे।फिल्म में शंकर नागरे के किरदार में अभिषेक ने बाद में जो दम दिखाया, उसने आलोचकों और दर्शकों दोनों का दिल जीत लिया। कहा जाता है कि यही फिल्म उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट बनी।फिल्म का सफर और उसकी ऐतिहासिक सफलता‘सरकार’ फिल्म को राम गोपाल वर्मा ने डायरेक्ट किया था। इसमें के.के. मेनन, सुप्रिया पाठक, कोटा श्रीनिवास राव, कैटरीना कैफ और अनुपम खेर जैसे कलाकारों ने मजबूत भूमिकाएं निभाईं।फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि इसका प्रीमियर न्यूयॉर्क एशियन फिल्म फेस्टिवल में भी हुआ। यही नहीं, इसे अमेरिकन एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स लाइब्रेरी में भी प्रीज़र्व किया गया है।‘सरकार’ के बाद सरकार राज और सरकार 3 आईं, लेकिन पहली की बात कुछ और थीफिल्म की सफलता ने इसे एक फ्रेंचाइजी बना दिया। 2008 में 'सरकार राज' और 2017 में 'सरकार 3' रिलीज़ हुईं।लेकिन जो वजन और गंभीरता पहली ‘सरकार’ में थी, वो बाद की फिल्मों में नहीं दिखी। पहली फिल्म में अमिताभ और अभिषेक की केमिस्ट्री ही फिल्म की असली जान थी।अभिषेक को अपने पिता से डर क्यों लगता है?इंटरव्यू में अभिषेक ने स्वीकार किया कि उन्हें अपने पिता के सामने परफॉर्म करने में हमेशा घबराहट होती है। “पापा के सामने एक्टिंग करना ऐसा है जैसे बोर्ड एग्ज़ाम दे रहे हो, और टीचर भी वही हो जिसने पढ़ाया हो,” अभिषेक ने मजाकिया अंदाज़ में कहा।बिग बी की डांट ने बदली सोच, बनाई फौलादी आत्माअभिषेक ने ये भी बताया कि उस दिन की डांट ने उन्हें कभी न भूलने वाला सबक सिखाया।“पापा की डांट ने मुझे एहसास कराया कि एक्टिंग सिर्फ लाइनें बोलने का खेल नहीं है, उसमें आत्मा डालनी पड़ती है,” उन्होंने कहा।आज भी अभिषेक के करियर की सबसे यादगार फिल्म 'सरकार' मानी जाती हैवो एक सीन, वो एक डांट, और वो एक फिल्म, अभिषेक बच्चन के अभिनय सफर में 'सरकार' की अहमियत कुछ अलग ही है। और उस दिन की डांट ने शायद उन्हें एक नया कलाकार बना दिया।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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