गुरुवार को गाजियाबाद के कविनगर में रावण का पुतला दहन देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रामलीला मैदान की क्षमता 50-60 हजार लोगों की थी, लेकिन शाम होते-होते इतनी भीड़ जुट गई कि तीन से चार किलोमीटर तक सड़क पर जगह नहीं बची। पुलिस और प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो।भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस की खास तैयारीएसीपी कविनगर सूर्यबली मौर्य और कई थाने के थाना प्रभारी भीड़ को संभालने में जुटे रहे। सुरक्षा की दृष्टि से रावण दहन को निर्धारित समय से ढाई घंटे पहले, रात 8 बजे कराया गया, जबकि कमेटी ने इसे पहले रात 10 बजे तय किया था। रामलीला मैदान के एंट्री गेट पर पुलिस ने लोगों को नियंत्रित किया, लेकिन भारी भीड़ के चलते धक्कामुक्की होती रही। कई स्थानों पर पुलिस बैरियर लगाने के बाद लोगों को बाहर निकाले जाने लगी, लेकिन बाहर से आने वाले लोग कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिए लगातार धक्का-मुक्की करते रहे।कविनगर रामलीला का खास आकर्षणकविनगर की रामलीला इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में रही। यहां रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के अलग-अलग पुतले तैयार किए गए थे। मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा सांसद अतुल गर्ग भी मौजूद रहे। हजारों की संख्या में लोग रावण दहन देखने पहुंचे और जैसे ही रावण का पुतला जलाया गया, मैदान में जय श्रीराम के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।शहर के अन्य हिस्सों में भी रावण दहनगाजियाबाद में कविनगर के अलावा 5 मुख्य स्थानों पर रावण दहन किया गया। घंटाघर स्थित रामलीला में भी तीन पुतले तैयार किए गए थे। राजनगर, मोदीनगर और मुरादनगर में भी रामलीला का मंचन किया गया। शाम से ही मेले में लोगों का आना शुरू हो गया था, और भीड़ को देखते हुए शहर में डायवर्जन लागू कर दिया गया था।प्रशासन की चौकसीएडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी और सभी डीसीपी भी शहर में लगातार राउंड कर रहे थे। देहात जोन में डीसीपी खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे। भारी भीड़ और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने कई बार मुख्य गेटों को बंद किया और लोगों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने का काम किया।उत्सव और अनुशासन का संदेशगाजियाबाद की रामलीला ने न केवल रावण दहन के उत्सव को जीवंत किया, बल्कि शहरवासियों को अनुशासन और सुरक्षा का भी संदेश दिया। भारी भीड़ के बावजूद कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, और लोग उत्सव का आनंद लेते हुए लौटे। इस आयोजन ने यह भी दिखाया कि सामूहिक उत्सव में अनुशासन और सुरक्षा दोनों का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है।कविनगर की रामलीला और गाजियाबाद में रावण दहन ने इस विजयादशमी पर न सिर्फ मनोरंजन किया, बल्कि रामलीला के महत्त्व और सांस्कृतिक उत्सव की गरिमा को भी दर्शाया। लाखों लोगों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और भी खास बना दिया। Comments (0) Post Comment
Delhi Red Fort Blast: पुलवामा के डॉक्टर हिरासत में, फरीदाबाद से विस्फोटक बरामद Nov 11, 2025 Read More