गाजियाबाद में बारिश से बढ़ा हिंडन नदी का जलस्तर, मुरादनगर के गांवों में बाढ़ का खतरा

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गाजियाबाद में हो रही लगातार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। बारिश का पानी सिर्फ सड़कों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर अब नदियों पर भी साफ दिखाई देने लगा है। मुरादनगर से होकर बहने वाली हिंडन नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है, जिससे नदी किनारे बसे गांवों में दहशत का माहौल बन गया है।

 खेतों तक पहुंचा नदी का पानी

 हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना नदी के साथ-साथ हिंडन नदी का स्तर भी उफान पर है। इसका सीधा असर मुरादनगर के सुराना, सुठारी, नेकपुर, भदौली और विहिंग सहित दर्जनभर गांवों पर पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी का पानी धीरे-धीरे खेतों में भरने लगा है। सुराना, सुठारी और नेकपुर जैसे गांवों में किसानों की लगभग 100 बीघा फसल जलमग्न हो चुकी है। धान, गन्ना और सब्ज़ियों की फसल को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है।

 किसानों का कहना है कि अगर बारिश इसी तरह जारी रही तो फसल पूरी तरह से नष्ट हो सकती है। इतना ही नहीं, हालात बिगड़ने पर गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति भी बन सकती है।

 प्रशासन अलर्ट पर

 हालात को देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस ली है। उपजिलाधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि मुरादनगर नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपालों की टीम लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। राजस्व विभाग के अधिकारी लगातार गांवों में जाकर नुकसान का जायज़ा ले रहे हैं और ग्रामीणों को सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं।

 वहीं, पुलिस विभाग भी अलर्ट पर है। एसीपी मसूरी लिपि नगायच ने बताया कि चौकी प्रभारी को हिंडन नदी के जलस्तर पर नज़र रखने और तुरंत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

 ग्रामीणों में चिंता, मदद की उम्मीद

 गांवों में रहने वाले लोगों के चेहरे पर चिंता साफ झलक रही है। उनका कहना है कि फसल डूबने से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। ग्रामीण सरकार और प्रशासन से राहत और मुआवज़े की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते मदद नहीं मिली तो आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो जाएंगे।

 मौसम विभाग की चेतावनी

 मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। अगर ऐसा हुआ तो हिंडन नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। ऐसे में प्रभावित गांवों में स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।

 बहरहाल, हिंडन नदी का बढ़ता जलस्तर सिर्फ किसानों की फसलों के लिए खतरा नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन गया है। प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है, लेकिन ग्रामीणों को इस समय सबसे ज़्यादा ज़रूरत है भरोसे और मदद की। आने वाले दिनों में बारिश का रुख और प्रशासन की तैयारी ही यह तय करेगी कि हालात काबू में रहते हैं या बाढ़ जैसी विपदा सामने आती है।

 

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