भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियाँ 2025: भाजपा, कांग्रेस, CPI(M), BSP और AAP

  • Category:

    सामान्य ज्ञान

  • Subcategory:

    General knowledge

भारत की राजनीति में कई राजनीतिक दल सक्रिय हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़े और प्रभावशाली दल के रूप में उभरी है। 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने तेजी से अपनी पकड़ मजबूत की। इसकी स्थापना 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी और इसकी जड़ें भारतीय जन संघ में हैं। भाजपा अपने राष्ट्रवाद, विकास और संगठनात्मक मजबूती के लिए जानी जाती है।

 भाजपा के बाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) भारत की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इसकी स्थापना 1885 में हुई थी और यह पार्टी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक केंद्रीय भूमिका निभा चुकी है। स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने कई प्रधानमंत्रियों को जन्म दिया, जिनमें जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह शामिल हैं। वर्तमान में यह पार्टी भाजपा के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाती है और देश के राजनीतिक परिदृश्य में उसका महत्व कम नहीं हुआ है।

 तीसरे नंबर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी CPI(M) आती है। यह पार्टी 1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से अलग होकर अस्तित्व में आई। पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में CPI(M) की मजबूत उपस्थिति रही है और यह पार्टी पश्चिम बंगाल में लगातार 34 वर्षों तक शासन करने वाली दुनिया की सबसे लंबी लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित कम्युनिस्ट सरकार देने वाली पार्टी भी रही। कम्युनिस्ट पार्टी के नेता समाजवाद, मजदूर और किसान हितों पर अधिक ध्यान देते हैं।

 बहुजन समाज पार्टी (BSP) भारत की एक और महत्वपूर्ण पार्टी है। इसकी स्थापना 1984 में कांशीराम ने की थी। BSP मुख्य रूप से समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों और बहुजनों का प्रतिनिधित्व करती है। इस पार्टी की प्रेरणा बी.आर. अंबेडकर, ज्योतिबा फुले और छत्रपति शाहूजी महाराज की विचारधारा से ली गई है। यह दल उत्तर प्रदेश और अन्य कुछ राज्यों में समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए सक्रिय है।

 आम आदमी पार्टी (AAP) भारतीय राजनीति में एक नया लेकिन महत्वपूर्ण नाम है। यह पार्टी 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से सामने आई और 2012 में अरविंद केजरीवाल ने इसे औपचारिक रूप से स्थापित किया। AAP का मुख्य फोकस पारदर्शिता, शासन सुधार और आम जनता के कल्याण पर है। 2023 में इसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला और अब यह देश के राजनीतिक परिदृश्य में धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रही है। दिल्ली में AAP ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार करके जनता का विश्वास जीता है।

 इन चार प्रमुख दलों के अलावा भारत में कई अन्य क्षेत्रीय दल भी हैं, जो अपने-अपने राज्यों में विशेष प्रभाव रखते हैं। भारतीय राजनीति में भाजपा और कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर प्रभुत्व रखते हैं, जबकि CPI(M), BSP और AAP अपनी नीतियों और जनाधार के आधार पर अलग पहचान बनाए रखते हैं।

 कुल मिलाकर, भारतीय राजनीतिक परिदृश्य विविध और जटिल है। राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों का संगम लोकतंत्र को मजबूत बनाता है और जनता के हितों का संरक्षण करता है। राजनीतिक दलों की पहचान, उनकी नीतियाँ और जनाधार ही यह तय करते हैं कि वे देश में कितनी प्रभावशाली हैं।


Comments (0)