देश की दिग्गज FMCG और सिगरेट निर्माता कंपनी आईटीसी (ITC) एक बड़े कॉर्पोरेट बदलाव के दौर से गुजर रही है।कंपनी की सबसे बड़ी विदेशी शेयरधारक ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (BAT) ने अपनी हिस्सेदारी में कटौती का ऐलान कर दिया है।इसके बाद अब भारत सरकार ITC की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बनकर उभरने वाली है।ये कदम न केवल BAT की रणनीतिक दिशा में बदलाव को दर्शाता है, बल्कि ITC के भविष्य पर भी बड़ा असर डाल सकता है।कितनी हिस्सेदारी बेच रही है BAT?ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको ने इस बार अपनी सहायक कंपनी Tobacco Manufacturers (India) के जरिए ITC के करीब 2.3% शेयर बेचने का फैसला किया है।ये सौदा कुल 290 मिलियन शेयरों का होगा, जो मौजूदा बाजार कीमतों के अनुसार ₹11,613 करोड़ (करीब $1.4 बिलियन) के आसपास बैठता है।इस डील के बाद ITC में BAT की हिस्सेदारी घटकर 25.4% से 23.1% रह जाएगी। वहीं, भारत सरकार की विभिन्न संस्थाओं के जरिए हिस्सेदारी 26.5% तक पहुंच जाएगी, जिससे वो सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बन जाएगी।शेयर की कीमत सस्ती, लेकिन डिविडेंड नहीं मिलेगाBAT द्वारा बेचे जाने वाले शेयरों की कीमत ₹400 प्रति शेयर तय की गई है, जो कि 27 मई को ITC के बंद भाव ₹433.9 से करीब 7.8% कम है। हालांकि ये निवेशकों को सस्ता सौदा लग सकता है, लेकिन इसमें एक ट्विस्ट है।28 मई को स्टॉक एक्स-डिविडेंड हो जाएगा, जिसका मतलब है कि जो निवेशक अब इन शेयरों को खरीदेंगे, उन्हें हाल ही में घोषित ₹7.9 प्रति शेयर का डिविडेंड नहीं मिलेगा।डील T+1 सेटलमेंट साइकिल पर होगी यानी खरीद के एक दिन बाद शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे।क्यों बेच रही है BAT अपनी हिस्सेदारी?BAT ने साफ किया है कि वो इस हिस्सेदारी की बिक्री से मिले पैसे का इस्तेमाल तीन बड़े मकसदों के लिए करेगी:अपने ग्लोबल कर्ज को घटाने में,अपने कारोबार को रीडायरेक्ट और इनोवेट करने में,अपने शेयरहोल्डर्स को बेहतर रिटर्न देने में।BAT के CEO टेडेउ मारोको ने एक बयान में कहा, "हम ITC को अपनी ग्लोबल रणनीति का अहम हिस्सा मानते हैं और भारत में उसके साथ मिलकर काम करते रहेंगे।" इससे साफ है कि भले ही BAT हिस्सेदारी घटा रही हो, पर ITC के साथ उसका रिश्ता अभी खत्म नहीं हुआ है।क्या ITC अब सरकारी कंपनी बन जाएगी?तकनीकी तौर पर ITC अभी भी एक प्राइवेट कंपनी ही रहेगी, लेकिन सरकार की हिस्सेदारी बढ़ने से कंपनी में उसकी भूमिका मजबूत हो जाएगी।भारत सरकार की संस्थाएं जैसे SUUTI (Specified Undertaking of the Unit Trust of India) और LIC जैसी बीमा कंपनियां मिलकर अब ITC की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बनेंगी।SUUTI सरकार की एक विशेष संस्था है जो अलग-अलग कंपनियों में उसकी हिस्सेदारी को मैनेज करती है।SUUTI और अन्य सरकारी संस्थाओं के पास मिलाकर ITC में 26.5% हिस्सेदारी हो जाएगी।पहले भी बेच चुकी है BATये पहली बार नहीं है जब BAT ने ITC में अपनी हिस्सेदारी बेची हो। मार्च 2023 में भी कंपनी ने अपनी 3.5% हिस्सेदारी बेचकर ₹17,500 करोड़ जुटाए थे। वो डील भारत की सबसे बड़ी ब्लॉक डील्स में से एक थी।इस बार की डील को गोल्डमैन सैक्स और सिटीग्रुप मैनेज कर रहे हैं और ये भी एक सेकेंडरी सेल है।यानी इसमें कोई नया शेयर जारी नहीं किया जाएगा, बल्कि पहले से मौजूद शेयरों की बिक्री होगी।होटल कारोबार से दूरीहाल ही में ITC ने अपने होटल कारोबार को एक नई कंपनी में डिमर्ज कर दिया था। इस नई कंपनी के शेयर ITC के मौजूदा शेयरहोल्डर्स को मिले थे।BAT पहले ही साफ कर चुका है कि वो होटल कारोबार में रूचि नहीं रखता और इससे पूरी तरह बाहर निकल जाएगा।आगे क्या होने वाला है?इस हिस्सेदारी की बिक्री से ITC का शेयर स्ट्रक्चर और कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर असर पड़ सकता है।सरकार का प्रभाव बढ़ने से भविष्य के रणनीतिक फैसलों में उसकी भूमिका अहम होगी।वहीं BAT अब ITC में वीटो पावर भी खो सकती है, जो उसे 25% से ज्यादा हिस्सेदारी के साथ मिलता था।अब देखना होगा कि क्या सरकार इस अवसर का इस्तेमाल सिर्फ निवेशक के तौर पर करेगी या कंपनी के संचालन में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएगी।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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