भारत में गड़बड़ी के आरोपों में फंसी Oppo-Realme, ऑडिट रिपोर्ट से खुली पोल

भारत में चीनी स्मार्टफोन कंपनियां Oppo और Realme इस वक्त काफी मुश्किलों से घिरी हुई हैं।

दरअसल, हाल ही में सामने आई ऑडिट रिपोर्ट में इन कंपनियों के वित्तीय रिकॉर्ड और कामकाज पर कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं।

Registrar of Companies (RoC) को जमा किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, इन कंपनियों ने अपनी किताबें सही तरीके से नहीं रखीं, जिसके चलते उनकी वित्तीय स्थिति और पारदर्शिता पर संशय पैदा हो गया है।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट की माने, तो एक्स्पर्ट्स का मानना है कि इस ऑडिटर रिपोर्ट से निवेशकों, कर्जदाताओं और सरकार की निगरानी बढ़ेगी।

खासतौर पर तब, जब ये चीनी ब्रांड भारत में पिछले कई सालों से कड़ी जांच और नियामक दबाव में हैं।

भारत सरकार ने Oppo और Realme पर कई आरोप लगाए हैं, जिनमें कस्टम ड्यूटी चोरी, इनकम टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मुद्दे शामिल हैं।


Oppo की वित्तीय हालत खस्ता, नेटवर्थ नेगेटिव

Oppo भारत का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन ब्रांड है, लेकिन इसके ऑडिटर ने RoC में जमा की गई रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी पिछले वर्षों में भारी घाटे में रही है।

इस वजह से Oppo इंडिया की नेटवर्थ FY24 में नेगेटिव ₹3,551 करोड़ तक पहुंच गई है। नेटवर्थ नेगेटिव होने का मतलब है कि कंपनी के पास जितनी संपत्ति है, उससे ज्यादा उसका कर्ज है।

ऑडिटर ने ये भी नोट किया कि कंपनी का कर्ज और इक्विटी अनुपात असंतुलित है, जो उसके वित्तीय स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है।

FY24 में Oppo इंडिया पर कुल ₹2,082 करोड़ का कर्ज था, जिसमें से ₹1,668 करोड़ कंपनी की पैरेंट फर्म से लिया गया था, जबकि ₹414 करोड़ HSBC बैंक से कर्ज है। इसके अलावा ₹2,085 करोड़ का चालू कर्ज भी कंपनी पर है।


भविष्य को लेकर उठे सवाल

ऑडिटर ने कहा है कि Oppo कई कानूनी मामलों और सरकारी जांच के दायरे में है। इन सबका कंपनी के वित्तीय स्थिति और संचालन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि इन परिस्थितियों के चलते Oppo इंडिया के भविष्य पर संदेह उठता है कि क्या कंपनी आगे भी अपनी सेवाएं जारी रख पाएगी या नहीं।

हालांकि Oppo इंडिया ने अपनी तरफ से कहा है कि FY24 में कंपनी ने लाभ कमाया है और आगे भी वो लाभकारी बनी रहेगी।

साथ ही कंपनी ने भरोसा जताया है कि वो अपने वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट और बैंकिंग संसाधनों से किसी भी कैश फ्लो की समस्या को दूर कर लेगी।


Realme की भी स्थिति गंभीर

Realme, जो भारत में पांचवां सबसे बड़ा स्मार्टफोन ब्रांड है, उसकी भी ऑडिट रिपोर्ट में वित्तीय रिकॉर्ड और कामकाज के तरीकों पर कई कमियां पाई गई हैं।

ऑडिटर ने FY24 के लाभ-हानि खातों की सटीकता पर सवाल उठाए हैं और कुछ खातों के दस्तावेज पूरे नहीं पाए गए। इससे कंपनी की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।


सरकार की कड़ी नजर

सरकार इन दोनों कंपनियों की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर बनाए हुए है। कस्टम ड्यूटी चोरी और टैक्स बचाने के आरोपों की जांच जारी है, साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी रिपोर्टें भी जांच के दायरे में हैं।

ऑडिटर की रिपोर्ट के आने के बाद, सरकार इन कंपनियों के खिलाफ और कड़े कदम उठा सकती है।

विशेषज्ञो का कहना है कि Oppo और Realme को अपनी वित्तीय व्यवस्था और कॉर्पोरेट गवर्नेंस में सुधार करना होगा, वरना भारत में उनका कारोबार जोखिम में पड़ सकता है।

भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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