भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को लेकर एक बार फिर एक बड़ा और चौंकाने वाला बयान सामने आया है, और इस बार आवाज उठाई है मशहूर एक्ट्रेस और डांसर संभावना सेठ ने।उन्होंने कास्टिंग काउच जैसे गंभीर और लंबे समय से दबी हुई सच्चाई को लेकर चुप्पी तोड़ते हुए एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसने इंडस्ट्री के अंदरूनी खेल की परतें उधेड़ कर रख दी हैं।उनका कहना है कि कास्टिंग काउच के लिए सिर्फ मर्द ही नहीं, कई बार खुद लड़कियां भी उतनी ही जिम्मेदार होती हैं।चार सुपरस्टार... और उन्हीं के पीछे पूरा खेल चलता हैदरअसल, हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में संभावना सेठ ने यह साफ-साफ कहा कि भोजपुरी इंडस्ट्री बहुत बड़ी नहीं है। गिनती के चार-पांच सुपरस्टार हैं और उन्हीं के इर्द-गिर्द पूरी इंडस्ट्री घूमती है।एक्ट्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि अगर किसी लड़की का ‘टांका भिड़’ गया, यानी किसी सुपरस्टार से व्यक्तिगत नजदीकी बन गई, तो उसे काम मिल जाता है, और तब दूसरी-तीसरी भी उसी रास्ते पर चल पड़ती हैं।जो सचमुच टैलेंटेड हैं, वो पीछे छूट जाती हैं’गौर करने वाली बात ये है कि संभावना ने इस दौरान बेहद बेबाक होकर कहा कि जिनके पास असली टैलेंट है, वे पीछे रह जाती हैं क्योंकि उन्होंने समझौता नहीं किया। उनका सवाल साफ था - "मैं टैलेंटेड हूं, मैं समझौता नहीं करूंगी, तो क्या मेरे लिए कोई काम नहीं है?" यही वो दर्द है जो उन्होंने अपने शब्दों में जाहिर किया।भोजपुरा इंडस्ट्री कीचड़ में गिर चुकी हैसंभावना सेठ यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने आगे कहा कि इंडस्ट्री की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि यह अब एक कीचड़ में तब्दील हो चुकी है।उनके मुताबिक, कुछ लड़कियों ने तो हद ही पार कर दी है, वे खुद ही इस दलदल में कूद रही हैं। और जब लाइन से लड़कियां खड़ी हैं, तो कोई निर्माता या स्टार भी कहेगा - "हम क्या करें?"कुछ लड़कियां मजबूर होती हैं, पर कुछ ने इसे आदत बना लिया हैहालाॅंकि संभावना ने ये भी माना कि कुछ लड़कियों को ना चाहते हुए भी इस गंदगी में घुसना पड़ता है क्योंकि उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं होता, मगर वहीं कुछ ने इसे शॉर्टकट बना लिया है।वह साफ कहती हैं कि दोनों ही पक्षों में ग़लती है, लड़कियों में भी और सुपरस्टार्स में भी।रियल टैलेंट को नहीं मिलते मौकेबात यहीं खत्म नहीं होती। संभावना ने साफ तौर पर यह मुद्दा उठाया कि इंडस्ट्री में असली टैलेंटेड लड़कियों को कोई देखना ही नहीं चाहता।उनके लिए ना कोई स्क्रिप्ट लिखी जाती है, ना कोई ऑडिशन राउंड खुला रहता है। उन्हें बस इंतजार करना होता है... और कई बार वही इंतजार खत्म करने के लिए कुछ लड़कियां समझौते की राह चुन लेती हैं।मैं यहां काम करने आई हूं, समझौते नहींसंभावना सेठ का ये बयान हर उस लड़की की आवाज है जो सिनेमा में अपने हुनर के दम पर जगह बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, “मैं यहां काम करने आई हूं, फालतू की चीज़ें नहीं करूंगी। मगर काम है कहां?”यही सवाल उनकी पूरी बातचीत की सबसे मारक और गूंजती हुई लाइन बन गई है।इंडस्ट्री में साफ-साफ दो कतारें बन चुकी हैंएक कतार में वो हैं जो किसी भी कीमत पर काम चाहती हैं और उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, और दूसरी कतार में हैं वो जो सिर्फ अपने हुनर के भरोसे टिकना चाहती हैं। संभावना सेठ के मुताबिक, इंडस्ट्री आज उन दूसरी कतारवालियों को पीछे धकेल रही है।निष्कर्ष की जगह एक कड़वा सचभोजपुरी इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच कोई नई बात नहीं है। मगर जब एक स्थापित कलाकार ये कहे कि “लड़कियां खुद ही कूद रही हैं,” तो सवाल सिर्फ मर्दों की नीयत पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर उठता है।यहां न कोई गारंटी है टैलेंट की, न कोई सुनवाई उस आवाज़ की जो सिर्फ काम मांगती है, सौदे नहीं।आप के क्या विचार हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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