मोदी और डोभाल से मिले चीनी विदेश मंत्री, दिया फर्टिलाइज़र और रेयर-अर्थ मेटल सप्लाई का भरोसा

भारत-चीन संबंधों के बीच जारी तनाव और वैश्विक परिस्थितियों के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी इन दिनों दो दिन की भारत यात्रा पर हैं। सोमवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। इससे पहले वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी मिले। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय संबंधों, व्यापारिक सहयोग और रणनीतिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।

 पीएम मोदी से बातचीत

 आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वांग यी की मुलाकात को दोनों देशों के बीच संबंधों को नए आयाम देने की दिशा में अहम माना जा रहा है। बातचीत में आर्थिक सहयोग, सीमा विवाद, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। सूत्रों के अनुसार, वांग यी ने भारत को भरोसा दिलाया कि चीन फर्टिलाइज़र और रेयर-अर्थ मेटल्स की सप्लाई जारी रखेगा।

 निर्यात पर था बैन

 गौरतलब है कि चीन ने जुलाई में रेयर-अर्थ मेटल्स और कुछ फर्टिलाइज़र के निर्यात पर अस्थायी बैन लगाया था। इस फैसले का असर भारत सहित कई देशों पर पड़ा था क्योंकि चीन इन खनिजों और कच्चे माल का सबसे बड़ा निर्यातक है। बता दें, रेयर-अर्थ मेटल्स का इस्तेमाल मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक वाहनों, डिफेंस टेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर जैसी हाई-टेक इंडस्ट्री में होता है। भारत के लिए इनकी सप्लाई बेहद महत्वपूर्ण है।

 "बैठक के दौरान वांग यी ने आश्वासन दिया कि चीन भारत के साथ आर्थिक सहयोग को सर्वोच्च महत्व देगा। उन्होंने कहा कि फर्टिलाइज़र और रेयर-अर्थ मेटल्स की आपूर्ति को लेकर बीजिंग का रुख आगे भी सहयोगपूर्ण और रचनात्मक बना रहेगा।"

 NSA डोभाल से मुलाकात

 आपको बता दें, प्रधानमंत्री से मुलाकात से पहले वांग यी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी चर्चा की। यह बातचीत मुख्य रूप से सीमा सुरक्षा, आतंकवाद और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता जैसे मुद्दों पर केंद्रित रही। डोभाल ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि भारत किसी भी प्रकार की सीमा पर तनाव या स्थिति बिगाड़ने के पक्ष में नहीं है और बातचीत के जरिए ही समाधान खोजा जाना चाहिए।

 वहीं, वांग यी ने कहा कि चीन भारत के साथपड़ोसी और साझेदारके तौर पर आगे बढ़ना चाहता है और दोनों देशों को आपसी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए।

 व्यापारिक सहयोग पर जोर

 दरअसल भारत और चीन के बीच व्यापारिक रिश्ते लगातार उतार-चढ़ाव से गुजर रहे हैं। भारत ने कई बार चीन से व्यापार असंतुलन का मुद्दा उठाया है क्योंकि चीन से आयात बहुत अधिक है जबकि निर्यात कम। इस बार की बातचीत में भारत ने चीनी बाजार में भारतीय उत्पादों के लिए ज्यादा अवसर देने की मांग रखी।फर्टिलाइज़र और रेयर-अर्थ मेटल्स के अलावा फार्मा, आईटी और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स पर भी दोनों देशों के बीच संभावित सहयोग पर चर्चा हुई।

 कूटनीतिक संदेश

 विशेषज्ञों का मानना है कि वांग यी की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और व्यापार को लेकर तनाव बना हुआ है। वांग यी की भारत यात्रा और पीएम मोदी एवं NSA डोभाल से हुई मुलाकात ने दोनों देशों के रिश्तों में नई संभावनाओं का संकेत दिया है। चीन द्वारा फर्टिलाइज़र और रेयर-अर्थ मेटल्स सप्लाई करने का वादा भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। हालांकि सीमा विवाद और व्यापार असंतुलन जैसे मुद्दे अब भी बने हुए हैं, लेकिन यह मुलाकात इस दिशा में सकारात्मक कदम मानी जा रही है कि भारत और चीन संवाद के जरिए समाधान तलाशने के इच्छुक हैं।

 

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