Jaypee Group जो किसी समय में रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर का एक बड़ा नाम था, अब वहीं कर्ज के बोझ तले दबा पड़ा है।जी हाँ, दरअसल, IBC यानी इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत उसकी प्रमुख इकाइयाँ Jaiprakash Associates Limited और Jaypee Infratech जांच और समीक्षा के दौर से गुज़र रही हैं।आपको बता दें कि ये वही कंपनी है जिसने विशाल प्रोजेक्ट्स का सपना दिखाया, लेकिन अंत में उसका कर्ज उसे घेर कर रख दिया।क्यों हो रही है रिसोल्यूशन प्रक्रिया?यूनिटों की संपत्तियों को बेचकर कर्ज चुकाना जरूरी हो गया है और इसीलिए Resolution Professional ने बैंक, लेनदार और संभावित खरीदारों से प्रस्ताव मांगे हैं। साथ ही, यहाँ फोकस है बैंकों की रिफंड सिटी, लेनदारों का नुकसान कम करने और JP की अस्सेट की कीमत बचा के रखने पर।3 बड़ी कंपनियों की होड़Adani Group की बात करें तो, पिछले कुछ सालों में वह ऊर्जा, सीमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर में आग की तरह तेजी से बढ़ा है।वहीँ Vedanta ने माइनिंग, मेटल्स और पावर सेक्टर में गहराई से निवेश किया है, इसलिए उसके हाथों ये संपत्ति अच्छे से फिट बैठती दिखती है।वहीं Dalmia Bharat जो पहले से ही सीमेंट इंडस्ट्री में सक्रिय है, वह JS के सीमेंट यूनिट्स को हासिल करने की तरफ बढ़ी हुई है।इन तीनों ने अपने-अपने रिज़ॉल्यूशन प्लान जमा कर दिए हैं जिसे अब RP क्रमबद्ध तरीके से देख रहा है।डील का टोटल मापरिपोर्ट्स कहती हैं कि यह डील हजारों करोड़ रुपये में होने की संभावना है। इससे कर्जदारों को राहत मिलेगी, बैंक का पैसा लौटेगा और खरीदारों को एक स्ट्रेटेजिक फायदा मिलेगा जो उन्हें भविष्य में लाभ पहुंचा सकता है।कौन दे रहा टक्कर?बैंकिंग सेक्टर और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि Adani Group को थोड़ी बढ़त मिल सकती है क्योंकि उसके पास पुख्ता फाइनेंशियल बैकिंग और ग्लोबल लेनदार नेटवर्क है।Vedanta की विविधता, खासकर माइनिंग और एनर्जी के मामलों में, उसे दूसरा मजबूत प्लेयर बनाती है वहीं Dalmia Bharat की विशेषज्ञता JP के सीमेंट बिज़नेस से उसे जोड़ती है।क्या तय करेगा विनर?आख़िरकार यह तय होगा कि रिज़ॉल्यूशन प्लान की वेल्यूएशन कैसी हुई है, किस खरीदार की फाइनेंशियल स्ट्रेंथ सबसे मजबूत है, और कौन RP, कोर्ट और लेनदारों का भरोसा जीत लेता है।आगे क्या होगा?अगले कुछ हफ़्तों में RP सभी प्लान्स का विवरणपूर्वक मूल्यांकन करेगा और किसी एक को मंजूरी देगा।इसके बाद बिक्री प्रक्रिया शुरू होगी और खरीदार को संपत्तियों का नियंत्रण सौंपा जाएगा। अगर Adani को हाथ लगे तो वह तुरंत इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार करने में जुट जाएगा।Vedanta परफॉर्मेंस का फायदा पाकर माइनिंग-सह-सपोर्ट इकाई विकसित कर सकता है, जबकि Dalmia तुरंत JP की सीमेंट यूनिट्स को संचालित कर दे सकता है।आख़िर में क्या मायने रखता है?इस लड़ाई में केवल पैसा नहीं है, बल्कि भविष्य की संभावनाएं तय करने वाला रोडमैप भी है।कर्जदार चाहते हैं कि संपत्ति संभलकर जाए, खरीदारों को स्कीम मिल जाए और देश को रोजगार और निवेश दोनों मिलें।Adani, Vedanta और Dalmia Bharat सभी की ताकत और रणनीति अलग है। लेकिन जीत उसी की जब होती है जो RP, कोर्ट, बैंकों और लेनदारों का विश्वास सबसे पहले और सबसे पुख्ता तौर पर जीत लेता है।अब बारी यह देखने की है कि इस महत्वाकांक्षी लड़ाई में कौन बाज़ी मारेगा और Jaypee का पुनर्निर्माण किसके हाथों बेहतरीन तरीक़े से संपन्न होगा।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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