दुनिया में बजा भारत का डंका, 7 दिन में 5 देशों का बदला सुर

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिर्फ सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक ही नहीं की, बल्कि दुनिया के बड़े-बड़े देशों में जाकर पाकिस्तान की असलियत भी खोली। मतलब, कूटनीति और कार्रवाई दोनों फ्रंट पर एक साथ हमला किया गया।

अब नतीजा ये हुआ कि एक नहीं, पूरे 5 देश भारत के साथ खुलकर खड़े हो गए। किसी ने पाकिस्तान की बात को सीधा काट दिया, तो किसी ने पहले दिया गया बयान वापस ले लिया।

ये बदलाव सिर्फ 7 दिन के अंदर हुआ, और ये दिखाता है कि भारत की ताकत अब सिर्फ बॉर्डर तक सीमित नहीं है, बल्कि इंटरनेशनल पावर गेम में भी अब उसकी पकड़ मजबूत हो रही है।


  1. रूस: दोस्ती में दम, बयान में साफगोई

सबसे पहले बात रूस की। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बयान दिया कि RIC यानी Russia-India-China ग्रुप को फिर से एक्टिव करना चाहिए। ये बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका क्वाड को लेकर काफी एक्टिव है।

रूस ने साफ कहा कि भारत इस मंच में इसलिए जरूरी है क्योंकि वो शांति और कारोबार को लेकर काम करता है, न कि किसी के खिलाफ गुटबंदी करने के लिए। 

इसका मतलब साफ है, रूस मान रहा है कि भारत अब बैलेंसिंग पॉवर बन गया है, जो अमेरिका और चीन दोनों से निपट सकता है।


  1. ऑस्ट्रेलिया: QUAD का मेंबर, लेकिन भारत के साथ

रूस वाले बयान के फौरन बाद ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्लेस भारत पहुंचे। ये उनका पहला भारत दौरा था।

उन्होंने पहलगाम अटैक की कड़ी निंदा की और कहा कि ऑस्ट्रेलिया आतंक के खिलाफ भारत के साथ है।

ये वही ऑस्ट्रेलिया है जो क्वाड का मेंबर है, मतलब एक तरफ अमेरिका के साथ भी खड़ा है।

लेकिन भारत की पोजिशन ऐसी बन गई है कि हर कोई उससे दोस्ती बनाए रखना चाहता है। ये इंडिया की पॉलिसी की जीत है।


  1. पराग्वे: पहली बार राष्ट्रपति आया, सीधा मोदी से मिला

दक्षिण अमेरिका के देश पराग्वे से राष्ट्रपति सैंटियागो पेना भारत आए। ये पराग्वे के इतिहास में दूसरी बार हुआ है कि वहां का कोई राष्ट्रपति भारत दौरे पर आया।

उन्होंने पहलगाम अटैक की निंदा की और साफ कहा कि पराग्वे आतंक के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।

पराग्वे जैसे छोटे देश के लिए ये दौरा बड़ा कदम है, और बताता है कि भारत की इमेज सिर्फ एशिया नहीं, अब लैटिन अमेरिका तक पहुंच रही है।

सैंटियागो ने कहा, "मैं भारत को सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक सभ्यता के रूप में देखता हूं।"

इस बयान से साफ है कि भारत को अब एक ‘पावरफुल कल्चर’ के तौर पर भी पहचाना जा रहा है।


  1. मलेशिया: पाकिस्तान ने खूब रोया, लेकिन सुना किसी ने नहीं

मलेशिया में भारतीय सांसदों का डेलीगेशन पहुंचा। पाकिस्तान ने तुरंत एक्टिव होकर वहां के अधिकारियों से कहा, "हम मुस्लिम हैं, आप भी मुस्लिम हैं, भारतीय डेलीगेशन को नजरअंदाज कर दो।"

लेकिन मलेशिया ने उनकी एक न सुनी। उल्टा, भारतीय डेलीगेशन के सारे 10 प्रोग्राम को हरी झंडी दे दी और शानदार स्वागत भी किया। मलेशियाई पार्टी PKR (पीपुल्स जस्टिस पार्टी) ने उनसे खुलकर बातचीत की।

पाकिस्तान के लिए ये सीधा झटका था। इसका मतलब ये है कि अब मुस्लिम कार्ड भी हर जगह नहीं चलने वाला।


  1. कोलंबिया: पहले किया था पाकिस्तान का सपोर्ट, अब लिया यू-टर्न

कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुआई में भारतीय डेलीगेशन कोलंबिया गया था। पहले कोलंबिया ने पाकिस्तान में मारे गए लोगों पर दुख जताया था।

लेकिन जब थरूर ने उनसे बातचीत में नाराजगी जताई, तो कोलंबिया को पीछे हटना पड़ा।

कोलंबिया की डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर रोसा योलांडा ने बयान वापस लेते हुए कहा, “हमें अब असली जानकारी मिल गई है और हम भारत से बातचीत जारी रखेंगे।”

ये 360 डिग्री का टर्न था, मतलब पहले पाकिस्तान के पक्ष में बयान, और फिर उसी को पलटना।


जो भारत को रोक नहीं सकता, वो अब उसके साथ आ रहा है

भारत अब सिर्फ अपनी सीमाओं तक सीमित नहीं है। उसकी आवाज़ अब दुनिया में गूंज रही है। इस एक हफ्ते में जो हुआ, वो सिर्फ कूटनीतिक जीत नहीं, बल्कि एक स्ट्रॉन्ग स्टेटमेंट भी है।

भारत अब सिर्फ कह नहीं रहा, करके दिखा रहा है। और बाकी दुनिया समझ चुकी है कि इस देश से टकराना आसान नहीं।

जो समझदार हैं, वो दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं, और जो मुंह चुरा रहे थे, वो अब माफी मांगकर वापसी कर रहे हैं।

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