कराची स्टॉक एक्सचेंज क्रैश, भारत में सेंसेक्स चढ़ा लेकिन रुपया लुढ़का

भारतीय सेना द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भले ही भारत ने सैन्य मोर्चे पर पाकिस्तान को करारा जवाब दे दिया हो, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर तस्वीर थोड़ी उलटी रही।

इस ऑपरेशन के बाद जहां पाकिस्तान का कराची स्टॉक एक्सचेंज करीब 6% तक लुढ़क गया, वहीं भारत का शेयर बाजार स्थिर रहा लेकिन भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले ज्यादा गिरा।


पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका

मंगलवार को भारतीय सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) ने मिलकर आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

इसका असर बुधवार को पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई दिया। कराची स्टॉक एक्सचेंज में करीब 6% की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों का भारी नुकसान हुआ।


रुपये की गिरावट: भारत के लिए चिंता का कारण

हालांकि, इस सैन्य सफलता के बाद भी भारत को एक अप्रत्याशित आर्थिक झटका लगा। 7 मई को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 45 पैसे गिरकर 84.80 पर बंद हुआ।


यह गिरावट पाकिस्तान की मुद्रा से ज्यादा रही, जो केवल 13 पैसे लुढ़की। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये का उतार-चढ़ाव पूरे दिन जारी रहा और यह 84.93 तक नीचे गया।


क्यों गिरा रुपया? जानें विशेषज्ञों की राय

मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और भू-राजनीतिक अनिश्चितता इसके पीछे मुख्य कारण रहे।

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाबी हमला नहीं होता और वैश्विक बाजार सहयोगी रहते हैं, तो रुपया गुरुवार को कुछ रिकवरी कर सकता है।


डॉलर इंडेक्स और ग्लोबल मार्केट का असर

डॉलर इंडेक्स, जो अमेरिकी डॉलर की मजबूती को 6 वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले मापता है, बुधवार को 0.23% चढ़कर 99.46 पर रहा।

वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.42% की बढ़त के साथ 62.41 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करता दिखा, जिससे भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए आर्थिक दबाव और बढ़ सकता है।


भारतीय शेयर बाजार रहा स्थिर, FII ने दिखाई दिलचस्पी

भारत में शेयर बाजार पर इस सैन्य कार्रवाई का कोई नकारात्मक असर नहीं दिखा। बीएसई सेंसेक्स 105.71 अंकों की तेजी के साथ 80,746.78 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 34.80 अंक चढ़कर 24,414.40 पर बंद हुआ।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भी भारतीय बाजार में भरोसा दिखाया और 2,585.86 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।


सैन्य ताकत मजबूत, लेकिन आर्थिक सतर्कता जरूरी

ऑपरेशन सिंदूर ने एक बार फिर भारत की सैन्य तैयारी और आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दुनिया के सामने रखा है। लेकिन इसके साथ यह भी स्पष्ट हो गया है कि ऐसी कार्रवाइयों के तुरंत बाद आर्थिक मोर्चे पर सतर्कता बरतना जरूरी है।

खासकर रुपये की गिरावट जैसी परिस्थितियां निवेशकों और आम नागरिकों के लिए चिंता बढ़ा सकती हैं।

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