देहरादून में नवोदय विद्यालय की परीक्षा में ब्लूटूथ से नकल करते 17 अभ्यर्थी गिरफ्तार, केंद्र सरकार के नए कानून के तहत सख्त कार्रवाई

देहरादून में नवोदय विद्यालय समिति (NVS) की लैब अटेंडेंट परीक्षा में हाईटेक नकल का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

देहरादून पुलिस ने 17 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है, जो अत्याधुनिक ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से परीक्षा में नकल करने की कोशिश कर रहे थे।

ये डिवाइसेज़ जूतों, कपड़ों और अन्य स्थानों में इस तरह छिपाए गए थे कि सामान्य चेकिंग में पकड़ में न आएं।


पुलिस को खुफिया जानकारी, दो थाना क्षेत्रों में कार्रवाई

इस कार्रवाई को एसएसपी देहरादून को मिली एक गुप्त सूचना के बाद अंजाम दिया गया। 

पटेलनगर और डालनवाला थाना क्षेत्रों में CBSE द्वारा आयोजित नवोदय विद्यालय समिति की परीक्षा के दौरान संदिग्ध गतिविधियों की पुष्टि होने पर पुलिस ने दबिश दी।

इस पूरी कार्यवाही में "The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act 2024" की धारा 3, 4, 10, 11 के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 318(4) और 61(2) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

ये धाराएं नकल पर सख्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए कानून का हिस्सा हैं, जो उत्तराखंड जैसे राज्यों की तर्ज पर पूरे देश में अब सख्ती से लागू हो चुकी हैं।


पटेलनगर थाना क्षेत्र: जूते से मिली डिवाइस, कुल 8 गिरफ्तार

सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, जो इस परीक्षा का एक केंद्र था, वहाँ के केंद्र अधीक्षक पंकज नौटियाल ने पुलिस को सूचित किया कि 18 मई को आयोजित NVS/JSA और लैब अटेंडेंट परीक्षा की दोनों पालियों में कुल 8 उम्मीदवार संदिग्ध उपकरणों के साथ पकड़े गए।


  1. पहली पाली (JSA परीक्षा): 1 अभियुक्त के जूते में से डिवाइस मिली।

  2. दूसरी पाली (लैब अटेंडेंट): 7 अभियुक्त ब्लूटूथ डिवाइस के साथ रंगे हाथ पकड़े गए।


इन सभी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं।

गिरफ्तार अभियुक्त (पटेलनगर):


  1. सौरभ यादव - आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

  2. अमन - हिसार, हरियाणा

  3. रोबिन - बागपत, उत्तर प्रदेश

  4. अक्षय मान - सिनौली, बागपत

  5. मोहित कुमार - जींद, हरियाणा

  6. अंकुश - हिसार, हरियाणा

  7. मनीष मलिक - मेरठ, उत्तर प्रदेश

  8. नीरज मान


डालनवाला थाना क्षेत्र: 9 और अभ्यर्थी धराए

दून इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित इसी परीक्षा की दूसरी पाली में भी पुलिस ने कार्रवाई की। परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक आर.एस. बिष्ट द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर 9 और अभ्यर्थी ब्लूटूथ डिवाइस के साथ पकड़े गए।


गिरफ्तार अभियुक्त (डालनवाला):


  1. मदनाला पवन - श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश

  2. राकेश - जींद, हरियाणा

  3. अंकुर ग्रेवाल - झज्जर, हरियाणा

  4. इल्लू मला वेंकटेश - श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश

  5. साहिल - सोनीपत, हरियाणा

  6. कपिल - रोहतक, हरियाणा

  7. अखिल - जींद, हरियाणा

  8. विशाल - हिसार, हरियाणा

  9. ज्योति - भिवानी, हरियाणा


गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ जारी, गिरोह की आशंका

पुलिस और SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की संयुक्त टीम गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ कर रही है।

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सभी अभ्यर्थी आपस में जुड़े हो सकते हैं और संभवतः किसी संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो देशभर में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने के लिए टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर रहा है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये गिरोह ब्लूटूथ इयरप्लग, छोटे कैमरे, और मोबाइल हॉटस्पॉट्स जैसी हाईटेक तकनीकों के जरिए दूर बैठे लोगों से प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर रहा था। ये नेटवर्क संभवतः देश के कई राज्यों में फैला हुआ है।


सख्त कानून, सख्त सजा

Public Examinations Act 2024 के तहत ये पहली बड़ी गिरफ्तारी बताई जा रही है। इस कानून के अंतर्गत दोषियों को कठोर कारावास, भारी जुर्माना और प्रतियोगी परीक्षाओं से लंबे समय तक प्रतिबंधित किए जाने का प्रावधान है।

देहरादून पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में "Zero Tolerance Policy" अपनाई जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

ये मामला न सिर्फ परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि ये भी दर्शाता है कि तकनीक का दुरुपयोग किस हद तक पहुंच चुका है।

देहरादून पुलिस की सजगता और तत्परता ने एक बड़े नकल रैकेट को उजागर किया है, जिसकी जड़ें अब राष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग कर रही हैं।

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