SEBI का चेतावनी संदेश: इन सोशल मीडिया ग्रुप्स से रहें दूर

शेयर बाजार के निवेशक, अब सतर्क हो जाइए! SEBI यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने एक बड़ा अलर्ट जारी किया है, जो सीधे आपके जेहन को झकझोर सकता है।

दरअसल, बाजार में फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए निवेशकों को फंसाने का खेल तेजी से बढ़ रहा है।

ये धोखाधड़ी किसी आम धोखे से कम नहीं, क्योंकि इसमें सीधे आपके भरोसे और आपकी मेहनत की कमाई को निशाना बनाया जा रहा है।


SEBI ने आखिर क्या कहा?

सेबी ने साफ शब्दों में निवेशकों को चेताया है कि वो सोशल मीडिया पर अपने आपको ‘शेयर बाजार के एक्सपर्ट’ बताने वाले फर्जी अकाउंट्स से बचें।

ये फर्जी अकाउंट्स न केवल आम लोगों को गुमराह करते हैं, बल्कि बड़ी मशहूर हस्तियों और संस्थानों के सीईओ के नाम का गलत इस्तेमाल भी करते हैं। इसका मकसद साफ है - निवेशकों को फंसा कर उनसे पैसा हड़पना।


क्यों बढ़ रहे हैं ये फर्जीवाड़े?

दरअसल, आज के डिजिटल जमाने में सोशल मीडिया एक ऐसा मंच बन गया है, जहां किसी की पहचान बनाना या बिगाड़ना बेहद आसान है।

इसी कमजोर बिंदु को भुनाते हुए कई फर्जी संस्थान और एजेंट फेक प्रोफाइल बनाकर लोगों को व्हाट्सएप के ‘VIP ग्रुप’ या ‘फ्री ट्रेडिंग कोर्स’ में शामिल होने के लिए फंसा रहे हैं।

इन ग्रुप्स के नाम बड़े ही आकर्षक होते हैं, ताकि भोले-भाले निवेशक तुरंत आकर्षित होकर जुड़ जाएं।


फर्जी प्रोफाइल और व्हाट्सएप ग्रुप्स की चाल

ये फर्जीवाड़े इतने स्मार्ट तरीके से होते हैं कि कई बार आप पहचान ही नहीं पाते कि सामने वाला असल में धोखेबाज है।

सेबी की जांच में सामने आया है कि ये लोग खुद को प्रतिभूति बाजार के विशेषज्ञ के तौर पर पेश करते हैं, यहां तक कि वो सेबी के पंजीकृत मध्यस्थों, लोकप्रिय हस्तियों या प्रतिष्ठित संस्थाओं के सीईओ/एमडी का नाम और फोटो भी इस्तेमाल कर लेते हैं।

इसके बाद ये फर्जी विशेषज्ञ और ग्रुप ऐसे झूठे दावो करते हैं, जिनमें बड़े मुनाफे की गारंटी दी जाती है।

निवेशक उस झांसे में आकर बड़ी रकम इन फर्जी संस्थाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते हैं।

जो दिखावा मुनाफे का होता है, वो नकली होता है और उसे उसी समूह के अन्य सदस्य प्रमाणित करते हैं, ताकि ये पूरी स्कीम विश्वसनीय लगे।


निवेशकों के लिए सेबी की सलाह


  • सिर्फ उन्हीं ट्रेडिंग एप्लीकेशन्स का उपयोग करें जो सेबी के दायरे में पंजीकृत हों।

  • सोशल मीडिया पर अनजान लोगों या संस्थाओं से आए अनचाहे संदेशों को बिल्कुल नजरअंदाज करें।

  • किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप या कम्युनिटी का हिस्सा बनने से पहले उसकी पूरी जांच करें।

  • निवेश से पहले सेबी की आधिकारिक वेबसाइट पर संस्थाओं के पंजीकरण की स्थिति जरूर चेक करें।

  • अगर आपको कोई ऐसा व्यक्ति या समूह निवेश के लिए दबाव बनाता है तो उससे तुरंत दूरी बनाएं।


सेबी ने क्यों दो बार अलर्ट जारी किया?

ये कोई पहला मौका नहीं है जब सेबी ने फर्जीवाड़े के लिए चेतावनी दी हो। दो महीने पहले यानी अप्रैल में भी सेबी ने सोशल मीडिया पर बढ़ते फेक अकाउंट्स और धोखाधड़ी के मामलों को लेकर चेतावनी जारी की थी।

लेकिन अब स्थिति और गंभीर हो गई है, इसलिए सेबी ने फिर से कड़ा अलर्ट जारी किया है।


क्या कहती हैं प्रमुख हस्तियां?

सेबी की इस पहल को बाजार विशेषज्ञों और निवेशकों की तरफ से स्वागत मिला है। वो मानते हैं कि डिजिटल जमाने में निवेशकों की सुरक्षा के लिए ऐसे अलर्ट बेहद जरूरी हैं। 

लेकिन साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि निवेशकों की जागरूकता बढ़ाना उतना ही अहम है, क्योंकि धोखेबाज हर बार नए तरीके अपनाते रहते हैं।


बाजार में भरोसे की कीमत

शेयर बाजार में निवेश करने वाले लाखों निवेशक अपनी मेहनत की कमाई लगा कर बेहतर भविष्य की ओर बढ़ते हैं।

ऐसे में अगर इस भरोसे को ठेस पहुंचे तो न केवल आर्थिक नुकसान होगा बल्कि बाजार की प्रतिष्ठा भी दागदार हो जाएगी। सेबी का मकसद यही है कि निवेशक बिना किसी डर के, भरोसे के साथ निवेश करें।


भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे?

सेबी ने साफ किया है कि वो इस तरह के फर्जीवाड़ों पर नजर रखे हुए हैं और नियमन के तहत कड़े कदम उठाएंगे।

साथ ही ऐसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और संबंधित संस्थाओं से भी अनुरोध किया है कि वो इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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