सड़क से फिसली, खाई में समा गई बस... मंडी में दर्दनाक हादसा

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मंगलवार सुबह एक ऐसा मंजर दिखा जिसने हर आंख नम कर दी।

सरकाघाट उपमंडल के पटड़ीघाट क्षेत्र में कलखर के पास यात्रियों से भरी एक निजी बस अचानक अनियंत्रित होकर करीब 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी।

इस दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 20 के करीब यात्री घायल हो गए।


थोड़ी सी लापरवाही और टूटी सड़क, ले गई दो जानें

बस बलद्वाड़ा से मंडी की ओर जा रही थी। बताया जा रहा है कि ठाकुर कोच नाम की ये निजी बस जब कलखर के पास एक तीखे मोड़ से गुजर रही थी, तभी ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया।

सड़क की खराब हालत और गाड़ी की तेज़ रफ्तार इस दुर्घटना की बड़ी वजह बताई जा रही है। बस सीधे खाई में जा गिरी और पलटती चली गई।


25 से ज़्यादा लोग थे बस में सवार, मौत से निकले कुछ इंच दूर

हादसे के वक्त बस में करीब 25 लोग सवार थे। जैसे ही हादसा हुआ, आसपास के ग्रामीण सबसे पहले मौके पर पहुंचे और अपने स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर दिया। कई यात्रियों को बाहर निकाला गया और एंबुलेंस से पास के अस्पतालों में भेजा गया।

गंभीर रूप से घायल यात्रियों को नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है, वहीं हल्के जख्मी लोगों का इलाज रिवालसर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।


बस के नीचे दबे लोग, ड्राइवर भी फंसा, क्रेन मंगवानी पड़ी

बताया जा रहा है कि एक यात्री बस के नीचे दब गया था और ड्राइवर खुद गाड़ी के अंदर बुरी तरह फंसा हुआ मिला। दोनों को निकालने के लिए मौके पर क्रेन मंगाई गई।

रेस्क्यू ऑपरेशन घंटों तक चला। हालात इतने भयावह थे कि एक-एक कदम सावधानी से उठाना पड़ रहा था।


पुलिस जांच में सामने आए दो बड़े कारण, सड़क और लापरवाही

सरकाघाट पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि हादसे का मुख्य कारण सड़क की जर्जर स्थिति और चालक की असावधानी थी। प्रशासन ने भी इस पर मुहर लगाई है।

डीएसपी संजीव गौतम ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा, “हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों को सरकार सहायता राशि देने की प्रक्रिया में लगी है। घायलों को भी हर संभव मेडिकल सहायता दी जा रही है।”


स्थानीय लोग बोले - ‘पहले भी हो चुका है ऐसा, कोई सुनता नहीं’

गौर करने वाली बात ये है कि ये इलाका पहले भी सड़क हादसों के लिए कुख्यात रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि कलखर के पास की सड़क की हालत कई सालों से बेहद खराब है, मगर प्रशासन की नींद आज तक नहीं खुली।

बार-बार शिकायतों के बावजूद आज तक कोई पक्की मरम्मत नहीं करवाई गई।


राजनीतिक प्रतिक्रिया और प्रशासन पर सवाल

हादसे के बाद विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्षी नेताओं ने पूछा कि जब पहले से सड़क की हालत जानी-पहचानी थी, तो क्यों नहीं समय रहते मरम्मत कराई गई? क्या दो लोगों की जान चली जाने के बाद ही सरकार जागेगी?

अब सवाल ये नहीं कि हादसा क्यों हुआ, बल्कि ये है कि कब सुधरेगी ये लापरवाह व्यवस्था?

हर साल सैकड़ों लोग पहाड़ों में ऐसे हादसों का शिकार होते हैं। चाहे वह निजी बसें हों या सरकारी, लापरवाही और टूटी सड़कें उन्हें कब तक लीलती रहेंगी?

मंडी का यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक खुला चिल्लाता हुआ सवाल है, कब सुधरोगे हिमाचल?

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