China Renames Arunachal Places: भारत ने कहा - 'जो सच है, वो रहेगा'

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भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच चीन ने भी अरुणाचल प्रदेश को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है।


दरअसल, चीन के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 11 और 12 मई को अरुणाचल प्रदेश के 27 स्थानों के नए नाम जारी किए हैं।

भारत सरकार ने इसे पूरी तरह खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि "नाम बदलने से सच्चाई नहीं बदलेगी।"


विदेश मंत्रालय ने चीन की चाल को बताया ‘बेतुका’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 14 जून को इस मुद्दे पर एक्स (X) पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा:

“हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदलने के अपने व्यर्थ और बेतुके प्रयासों को जारी रखा है। हम ऐसी कोशिशों को अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप सिरे से खारिज करते हैं। नए नाम गढ़ने से ये सच्चाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा।”


2017 से जारी है नाम बदलने की कोशिश

ये पहली बार नहीं है जब चीन ने ऐसा किया हो। इससे पहले:

  1. 2017 में 6 स्थानों के नाम बदले

  2. 2021 में 15 स्थानों की नई लिस्ट

  3. 2023 में 11 नए नाम

  4. और अब 2024 में 27 स्थानों की लिस्ट जारी की गई है

चीन अरुणाचल को 'जांगनान' कहकर तिब्बत का दक्षिणी भाग बताने की कोशिश करता है। जबकि भारत इस क्षेत्र को हमेशा से अपनी संप्रभुता का अभिन्न हिस्सा मानता रहा है।


ग्लोबल टाइम्स ने दी जानकारी, हाई-रेजोल्यूशन मैप भी जारी

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, हाल ही में बदले गए नामों में शामिल हैं:

  • 12 पहाड़

  • 4 नदियाँ

  • 1 झील

  • 1 पहाड़ी दर्रा

  • 11 आवासीय क्षेत्र

  • एक जमीन का टुकड़ा

चीन ने इन स्थानों की अक्षांश-देशांतर स्थिति और हाई-रेजोल्यूशन नक्शा भी सार्वजनिक किया है।


भारत का दो टूक संदेश - भू-राजनीति से नहीं बदलेगा भूगोल

भारत ने ये साफ कर दिया है कि वो चीन की इस तरह की किसी भी हरकत को मान्यता नहीं देता।

MEA ने कहा है कि चीन भले ही कितनी भी "रचनात्मक नामकरण" की कोशिश करे, इससे भौगोलिक सच्चाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


चीन का अरुणाचल पर दावा, भारत की रणनीतिक मजबूती

बीजिंग अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता आया है, यहां तक कि वो अरुणाचल के नागरिकों को वीजा देने से भी इनकार करता है।

उसका तर्क होता है कि ये क्षेत्र तो चीन का ही हिस्सा है, लेकिन भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया कि अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।

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