ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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गुवाहाटी में 408 रन की कड़वी हार
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज में गुवाहाटी
टेस्ट टीम इंडिया के लिए किसी बुरे सपने जैसा साबित हुआ। साउथ अफ्रीका ने भारत को 408
रन से हराकर न सिर्फ
मैच जीता बल्कि सीरीज को भी 2-0 से क्लीन स्वीप कर लिया, जो भारतीय फैंस के लिए बड़ा झटका रहा।
स्कोरबोर्ड पर यह हार बहुत बड़ी दिखती है, लेकिन असल कहानी उन मौकों की है जहां
भारतीय खिलाड़ी मैच को संभाल सकते थे और बार-बार चूक गए। कई बड़े नाम उम्मीदों पर
खरे नहीं उतरे और पांच खिलाड़ी ऐसे रहे जिनकी परफॉर्मेंस को इस हार का मुख्य कारण
बताया जा रहा है।
साई सुदर्शन: नंबर 3 की जिम्मेदारी संभल नहीं पाई
टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3 की पोज़िशन को टीम की रीढ़ माना जाता है, जहां से बल्लेबाज
पारी को थामता और लंबी इनिंग खेलता है। साई सुदर्शन से भी यही उम्मीद थी, लेकिन पूरी सीरीज
में वह इस जिम्मेदारी को निभाने में नाकाम रहे।
गुवाहाटी टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में सिर्फ 14 रन बनाए, जो इस बड़े मैच के
हिसाब से बहुत कम हैं। उनसे यह उम्मीद थी कि वो शुरुआती झटकों के बाद टीम को
स्थिरता देंगे, लेकिन वे खुद ही शुरुआत में लड़खड़ा गए, जिससे मिडिल ऑर्डर पर और दबाव बढ़ गया।
ऋषभ पंत: कप्तानी और बल्लेबाजी, दोनों में निराशा
कप्तान से हमेशा यह उम्मीद रहती है कि मुश्किल समय में वह टीम को लीड
करेगा और अपने खेल से भी उदाहरण पेश करेगा। लेकिन गुवाहाटी टेस्ट में ऋषभ पंत न तो
कप्तानी में कोई बड़ा कमाल दिखा सके और न ही अपनी बल्लेबाजी से टीम को बचा पाए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली पारी में उन्होंने आते ही गैर-जिम्मेदाराना
शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया, जबकि पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार मानी जा रही
थी। ऐसे समय जब टीम को टिककर खेलने वाले कप्तान की जरूरत थी, पंत ने क्रीज छोड़कर
बड़ा शॉट खेलने की गलती की, जो टीम के मनोबल के लिए भी नुकसानदायक साबित हुई।
ध्रुव जुरेल: बड़ा मौका, लेकिन फ्लॉप शो
शुभमन गिल की जगह मौका पाकर ध्रुव जुरेल पर सभी की निगाहें थीं,
क्योंकि घरेलू
क्रिकेट और ए टीम में उनके प्रदर्शन की काफी चर्चा रही है। यह टेस्ट उनके लिए अपने
आप को स्थापित करने का सुनहरा मौका था, लेकिन वे इस चांस को भुनाने में नाकाम रहे।
पहली पारी में वे खाता भी नहीं खोल सके और दूसरी पारी में सिर्फ 2
रन बनाकर आउट हो गए,
जो टेस्ट डेब्यू या
शुरुआती करियर के लिए अच्छा संकेत नहीं है। फैंस और टीम मैनेजमेंट दोनों को उनसे
ज्यादा उम्मीदें थीं, लेकिन उनका फ्लॉप शो भारत के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला बना।
केएल राहुल: अनुभव के बावजूद फीकी पारी
केएल राहुल को भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप का सबसे अनुभवी और भरोसेमंद
चेहरा माना जाता है, जो कई बार टीम को संकट से बाहर निकाल चुके हैं। लेकिन साउथ अफ्रीका के
खिलाफ इस महत्वपूर्ण टेस्ट में उनका प्रदर्शन उम्मीदों के उलट रहा।
पहली पारी में राहुल सिर्फ 22 रन बनाकर आउट हुए और दूसरी पारी में तो महज़ 6
रन पर ही पवेलियन
लौट गए। दबाव में बड़ी पारी खेलने की बजाय बार-बार छोटी इनिंग में आउट होना उनकी
तकनीक और फॉर्म दोनों पर सवाल खड़े करता है, जो टीम के लिए चिंता की बात है।
नीतीश कुमार रेड्डी: ऑलराउंडर से न ऑल, न राउंड
ऑलराउंडर की भूमिका टेस्ट क्रिकेट में बेहद अहम होती है, क्योंकि वही
बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में बैलेंस बना कर टीम को मजबूत बनाता है। नीतीश
कुमार रेड्डी से भी यही उम्मीद थी कि वह बल्ले और गेंद दोनों से Impact खिलाड़ी साबित होंगे,
लेकिन गुवाहाटी
टेस्ट में ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने पहली पारी में 10 और दूसरी पारी में 0 रन बनाए, जो ऑलराउंडर के मानकों के हिसाब से बहुत
निराशाजनक है। गेंदबाजी में भी उन्होंने 10 ओवर फेंके लेकिन एक भी विकेट नहीं ले पाए,
जिससे उनकी जगह टीम
कॉम्बिनेशन में सवालों के घेरे में आ गई।
क्या सिर्फ 5 खिलाड़ी जिम्मेदार हैं?
ये सच है कि इन पांच खिलाड़ियों का खराब प्रदर्शन भारत की हार का बड़ा
कारण बना, लेकिन
टेस्ट मैच सिर्फ कुछ खिलाड़ियों से नहीं, पूरी टीम की सामूहिक मेहनत से जीता या हारा जाता
है। टॉप ऑर्डर की लड़खड़ाती शुरुआत, मिडिल ऑर्डर की अस्थिरता, गेंदबाजों की धार में कमी और फील्डिंग में
भी चूकें देखी गईं।
साउथ अफ्रीका ने हर सेशन में भारत पर दबाव बनाए रखा, जबकि भारतीय टीम कई
सेशंस में मैच से लगभग बाहर नजर आई। इस तरह की एकतरफा हार यह दिखाती है कि तैयारी,
टीम सिलेक्शन और
मानसिक मजबूती—तीनों पर दोबारा काम करने की जरूरत है।
आगे के लिए सबक और सुधार के मौके
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