रविवार को दुबई में खेले गए एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। यह मैच कई मायनों में विशेष था क्योंकि हाल के माहौल और दोनों टीमों की प्रतिष्ठा के चलते हार का सवाल ही नहीं उठता था।विंस्टन चर्चिल के शब्द याद आते हैं—“हमारा मकसद केवल एक है, जीत। हर कीमत पर जीत।” भारतीय टीम की रणनीति और खिलाड़ियों के साहस में यही भावना झलक रही थी।तिलक वर्मा बने नायकभारत का स्कोरकार्ड फाइनल के दौरान तनावपूर्ण स्थिति में था। टीम ने 147 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 20 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे। कप्तान सूर्यकुमार यादव 1 रन ही बना पाए, जबकि शुभमन गिल 12 रन और अभिषेक शर्मा 5 रन पर आउट हो गए।इस मुश्किल समय में 22 साल के युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा ने संजू सैमसन और शिवम दुबे के साथ महत्वपूर्ण पार्टनरशिप कर भारत को जीत दिलाई। उन्होंने संयम और साहस का परिचय देते हुए टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई।तिलक की पारी में धोनी जैसा संयम और कोहली जैसी आक्रामकता झलक रही थी। शुरुआती 26 गेंदों में 24 रन बनाने के बाद उन्होंने अगले 27 गेंदों में 45 रन जोड़े। उनके स्कोर का बड़ा हिस्सा सिंगल और डबल रन से बना, जबकि 36 रन चौके-छक्कों से आए।पाकिस्तान की पारी और भारतीय स्पिन का दबदबाभारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। पाकिस्तान ने पावरप्ले में केवल 1 विकेट खोया और 12 ओवर में 107 रन बनाए। लेकिन इसके बाद भारतीय स्पिनरों ने खेल संभाला।कुलदीप यादव ने 13वें ओवर में पहला विकेट लिया और 17वें ओवर में 3 और विकेट लिए। अंततः पाकिस्तान 19.1 ओवर में 146 रन पर ऑलआउट हो गया। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हारिस रऊफ इस मैच में सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए।रिंकू सिंह ने दिलाई शुरुआती जीतभारत को टूर्नामेंट में जीत दिलाने वाले पहले शॉट का क्रेडिट रिंकू सिंह को जाता है। उन्होंने आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर शानदार चौका लगाकर टीम को विजयी पारी दिलाई।अभिषेक शर्मा बने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंटयुवा ओपनर अभिषेक शर्मा को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। उन्होंने 7 पारियों में 314 रन बनाए और टी-20 एशिया कप में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उनकी लगातार प्रदर्शन ने टीम इंडिया को मजबूत बनाया।अगले मुकाबले की तैयारीभारत और पाकिस्तान की अगली भिड़ंत अगले साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में होगी। हालांकि, पाकिस्तान के सभी मैच भारत में नहीं खेले जाएंगे और भारतीय टीम को उनके मुकाबले के लिए श्रीलंका का रुख करना होगा।इस फाइनल में भारत की जीत हार नहीं मानने की भावना, युवा खिलाड़ियों की साहसिक पारी और रणनीतिक खेल का परिणाम रही। तिलक वर्मा और रिंकू सिंह जैसी नई प्रतिभाओं ने यह साबित किया कि दबाव में भी भारतीय टीम जीत के लिए तैयार रहती है। Comments (0) Post Comment