ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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मेरठ की इंटरनेशनल जेवलिन थ्रोअर अन्नू रानी अब जीवन के नए सफर पर निकल पड़ी हैं। मंगलवार को उन्होंने किक बॉक्सर साहिल भारद्वाज के साथ सात फेरे लिए। दोनों की शादी बेहद शाही और उत्साह भरे माहौल में हुई, जिसमें परिवार, रिश्तेदारों और खेल जगत से जुड़े लोग शामिल हुए।
लाल लहंगे में स्टेज पर पहुंचीं अन्नू, साहिल ने दिया गुलदस्ता
शाम होते-होते बहादुरपुर गांव अन्नू की शादी की रोशनियों से चमक उठा। रात करीब 9:30 बजे साहिल बारात लेकर पहुंचे। मर्सिडीज कार में सजे-धजे साहिल ने क्रीम कलर की शेरवानी पहनी थी। इधर, पार्लर से तैयार होकर आईं अन्नू लाल रंग के खूबसूरत लहंगे में बेहद आकर्षक लग रही थीं।
स्टेज पर पहुंचते ही साहिल ने अन्नू का हाथ थामा और घुटनों पर बैठकर उन्हें फूलों का गुलदस्ता दिया। दोनों की जोड़ी देखकर सबकी निगाहें थम गईं।
वरमाला के बाद हवा में फायर, नोटों की बारिश
स्टेज पर पहुंचने के बाद अन्नू और साहिल ने राइफल से दो हवाई फायर किए। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। वरमाला के तुरंत बाद साहिल ने 10–10 रुपये के नोटों की दो गड्डियां अन्नू के ऊपर उछाल दीं, जिसे देखकर वहां मौजूद लोग उत्साह से झूम उठे।
द्वारचार में मिला सोने का आशीर्वाद
द्वारचार की रस्म के दौरान अन्नू के भाई उपेंद्र चौधरी ने साहिल को सोने की चेन और अंगूठी पहनाई। मिठाई देकर उनका स्वागत किया गया। इसके बाद शादी की मुख्य रस्में रात 1 बजे तक चलती रहीं।
मेहंदी और हल्दी की रस्मों में दिखी खूब रौनक
शादी से एक दिन पहले सोमवार को अन्नू के घर मेहंदी और हल्दी की रस्में हुईं। अन्नू के हाथों पर साहिल के नाम की मेहंदी रची गई। परिवार की महिलाओं ने जमकर डांस किया और पूरा माहौल खुशियों से भर गया।
अब
जानिए…
अन्नू
की
गन्ने
के
भाले
से
ओलिंपिक
तक
की
प्रेरक
कहानी
गन्ने का भाला फेंककर शुरू किया सफर
अन्नू रानी का जन्म 28 अगस्त 1992 को मेरठ के बहादुरपुर गांव में किसान परिवार में हुआ। बचपन में खेतों में गन्ने को भाला बनाकर फेंकना ही उनका खेल था। उनके भाई उपेंद्र ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें जेवलिन थ्रो में आगे बढ़ने को प्रेरित किया। शुरुआत में गांव का माहौल उनके खेल में आने के खिलाफ था, लेकिन बाद में पिता को मना लिया और अन्नू ने साबित कर दिया कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती।
राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर चमक उठीं
2014 में अन्नू रानी ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर देशभर में अपनी पहचान बनाई। 2019 में वह पहली भारतीय महिला बनीं, जिसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में उन्होंने कांस्य पदक जीता।
एशियाई खेलों में गोल्ड और विश्व स्तर पर पहचान
2023 अन्नू के करियर का स्वर्णिम वर्ष रहा। हांगझोऊ एशियाई खेलों में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया। पेरिस ओलिंपिक 2024 में वह रैंकिंग कोटा के आधार पर पहुंचीं।
साहिल का परिवार और पृष्ठभूमि
साहिल भारद्वाज के परिवार का बिजनेस अमेरिका में है, जहां उनके वेयरहाउस और गैस स्टेशन हैं। उनके पिता रवि केंद्र सरकार के EPFO विभाग में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां मुकेश देवी गृहिणी हैं।
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