पाकिस्तान के पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर मोहिंदर कुमार के साथ एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।65 वर्षीय हिंदू क्रिकेटर को डायबिटीज के चलते इतनी गंभीर हालत का सामना करना पड़ा कि डॉक्टर्स को उनके दोनों पैर काटने पड़े।ये खबर सुनकर न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी क्रिकेट दुनिया स्तब्ध है।कौन हैं मोहिंदर कुमार?मोहिंदर कुमार पाकिस्तान के उन गिने-चुने हिंदू क्रिकेटरों में से एक हैं:जिन्होंने 1976 से 1994 तक पाकिस्तान के लिए फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए क्रिकेट खेला।उन्होंने 65 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें 187 विकेट चटकाए।10 बार उन्होंने पारी में 5 या उससे अधिक विकेट लिए, जबकि 4 बार पूरे मैच में 10 विकेट भी चटकाए।लिस्ट ए के 53 मैचों में उन्होंने 64 विकेट झटके।वो एक तेज गेंदबाज थे और कई बल्लेबाजों को अपनी रफ्तार से चौंकाते थे।नेशनल टीम से बाहर क्यों?मोहिंदर कुमार के रिकॉर्ड्स शानदार थे, लेकिन इसके बावजूद उन्हें पाकिस्तान की नेशनल टीम में जगह नहीं मिल सकी।क्रिकेट एक्सपर्ट्स और खुद मोहिंदर का मानना था कि उनका "हिंदू होना" एक वजह थी, जिससे उन्हें मौका नहीं मिला।पाकिस्तान के क्रिकेट सिस्टम में अल्पसंख्यकों के लिए जगह बनाना मुश्किल रहा है। मोहिंदर ने इस सिस्टम में लंबे वक्त तक संघर्ष किया और जब क्रिकेट को अलविदा कहा, तब भी उन्होंने हार नहीं मानी।कोचिंग में दिखाई नई रोशनीक्रिकेट छोड़ने के बाद मोहिंदर कुमार ने खुद को कोचिंग के क्षेत्र में समर्पित कर दिया। उन्होंने पाकिस्तान के कई युवा खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में मदद की।उनके शिष्यों में मोहम्मद सामी, दानिश कनेरिया, तनवीर अहमद और सोहैल खान जैसे नाम शामिल हैं, जो पाकिस्तान के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके हैं।फिर आया वो काला दिन…मोहिंदर कुमार डायबिटीज से पीड़ित थे। कुछ समय पहले उनके पैरों में इन्फेक्शन हो गया। शुरू में ये मामूली लगा, लेकिन धीरे-धीरे इन्फेक्शन बढ़ता गया और खून में फैलने लगा।डॉक्टरों ने जब जांच की तो पाया कि अगर पैर नहीं काटे गए, तो उनकी जान भी जा सकती थी। परिवार और डॉक्टरों ने मिलकर फैसला लिया और दोनों पैर काटने पड़े।दिलों को झकझोर देने वाला हादसाये खबर जब सामने आई, तो हर कोई स्तब्ध रह गया। सोशल मीडिया पर क्रिकेट फैंस और खिलाड़ियों ने दुख और समर्थन जताया।पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं, क्या बोर्ड को ऐसे पूर्व खिलाड़ियों की कोई चिंता नहीं?अल्पसंख्यक और खेल: दोहरी मारमोहिंदर कुमार की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति का आईना भी है।एक तरफ खेल में प्रतिनिधित्व की कमी, दूसरी तरफ स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही, ये दोहरी मार उन पर साफ नजर आती है।क्या चाहिए अब?पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को मोहिंदर कुमार जैसे खिलाड़ियों के लिए मेडिकल और फाइनेंशियल सपोर्ट मुहैया कराना चाहिए। सरकार को भी चाहिए कि वो पूर्व खिलाड़ियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करे।मोहिंदर कुमार जैसे कोच, जिन्होंने युवाओं को देश के लिए तैयार किया, उन्हें सम्मान और सहायता मिलनी चाहिए।सोशल मीडिया पर उठी आवाजक्रिकेट फैंस अब सोशल मीडिया पर #SupportMohinderKumar ट्रेंड करा रहे हैं। लोग चाहते हैं कि PCB और पाकिस्तान सरकार इस पूर्व क्रिकेटर की मदद के लिए आगे आए।आप इस खबर को लेकर क्या सोचते हैं, अपनी राय नीचे कमेंट्स में, हमें जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment