शुभमन गिल का रिकॉर्ड धमाका इंग्लैंड के घर में: ब्रैडमैन‑सोबर्स की राह पर!

शुभमन गिल ने एजबेस्टन में जैसे ही 114 रन की आतिशबाज़ी पारी खेली, मानो पूरा क्रिकेट इतिहास अपने पीछे झुक गया हो। इससे पहले हैडिंग्ले की पारी में उनका 147 रन भी अभी ताज़ा था।


इन दो शानदार शतकों की बदौलत गिल वही कारनामा दोहराने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए, जिसने इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट में शतक ठोका हो।


सबसे पहले 1938 में डॉन ब्रैडमैन ने यह रिकॉर्ड बनाया था, फिर 1966 में गैरी सोबर्स ने।


मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1990 में यह कमाल हिंदी जमीन पर वहीं किया था। अब गिल उन्हीं लेजेंड्स की टीम में एंट्री कर चुके हैं 


गिल की लाजवाब कप्तानी


दरअसल यह शतक सिर्फ आंकड़ा नहीं है बल्कि गिल की कप्तानी की ताकत का प्रतीक भी है।


पहली पारी में भारत 95/2 पर दबाव में दिखा था, लेकिन गिल ने यशस्वी जायसवाल और रविंद्र जडेजा जैसी साझेदारियों से टीम को संभाला और दिन का अंत 310/5 पर कराया।


साहित्यिक रिकॉर्ड और भारतीय परंपरा


गिल भारतीय कप्तान के तौर पर शुरूआती दो टेस्ट में शतक लगाने वाले चौथे नाम बन गए, विराट कोहली, विजय हजारे और सुनील गावस्कर के बाद।


साथ ही एजबेस्टन में तीन अंकों तक पहुँचने वाले दूसरे कप्तान भी बने, विराट कोहली के बाद।


शतक‑शतक का सिलसिला और SENA रैंकिंग


यही नहीं, यह उनका सातवां टेस्ट शतक था और मात्र दस मैचों में 42.52 की औसत से 808 रन बनाकर गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी क्षमता साबित की।


SENA देशों (SA, NZ, Aus, Eng) में गिल के यह द्वैत्य शतक भी खास हैं क्योंकि उन्होंने अकेले एजबेस्टन और हैडिंग्ले में यह रिकॉर्ड बनाया।


भविष्य की तस्वीर


ड्रेगन की तरह उड़ रहे गिल देख कर लगता है कि यह बहुत बड़ी शुरुआत है। अभी से ही उनके नाम पर कोहली‑द्रविड़ जैसे महान कप्तानों की बराबरी की बातें हो रही हैं।


विराट ने टेस्ट से संन्यास लिया हुआ है, लेकिन उनकी बराबरी करते‑करते गिल ने साबित कर दिया कि भारतीय कप्तानी में नया युग शुरू हो गया है।


आने वाले मैचों में फोकस रहेगा कि क्या वह अजहरुद्दीन की तरह तीन शतकों का सिलसिला बना सकते हैं?


गिल की आग लग चुकी है। कप्तान के तौर पर साबित कर दिया कि टीम इंडिया की अगली पीढ़ी में भी तूफ़ानी बल्लेबाज़ हैं।


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