जब भी ‘जेल’ शब्द किसी के जहन में आता है, तो आमतौर पर दिमाग में और आंखों के सामने बंद लोहे के दरवाज़े, अंधेरी कोठरियां और सख्त अनुशासन की छवि बनती है।लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्होंने कैदियों को सुधारने के लिए 'सजा' नहीं, बल्कि 'सहानुभूति' को हथियार बनाया है।जी हाँ, इन देशों की जेलें अपराधियों को इंसान की तरह ट्रीट करती हैं। उनकी सोच ये है कि अगर अपराधी को बेहतर माहौल मिलेगा, तो वो दोबारा समाज में सकारात्मक रूप से लौट सकता है।आइए एक एक कर जानते हैं इन सभी जेलों के बारे में!नॉर्वो की हाल्डेन जेल: होटल जैसा हॉस्टलनॉर्वो की हाल्डेन जेल को "दुनिया की सबसे मानवीय जेल" कहा जाता है। यहां कैदियों को फ्लैट स्क्रीन टीवी, मिनी फ्रिज, बड़ा बिस्तर और धूपदार खिड़की जैसे रूम मिलते हैं।सेल के बाहर म्यूजिक स्टूडियो, लाइब्रेरी, वर्कशॉप और जिम जैसी सुविधाएं हैं। यहां का मकसद अपराधी को शर्मिंदा करना नहीं, सुधार कर लौटने का रास्ता देना है।बास्तॉय जेल: बिना ताले-चाबी वाला सुधार केंद्रनॉर्वो की ही एक और लग्ज़री जेल है बास्तॉय, जो एक टापू पर बनी है। यहां कैदी छोटे कॉटेज में रहते हैं, खेती करते हैं, मछली पकड़ते हैं और खेलों में हिस्सा लेते हैं।यहां कोई ऊंची दीवारें, गार्ड टावर या हथकड़ी नहीं होती। बास्तॉय का पूरा ध्यान कैदियों के मानसिक और सामाजिक सुधार पर है, न कि केवल दंड देने पर।ऑस्ट्रिया की लियोबेन जेल: स्टाइल और स्पेस का मॉडल‘जस्टिस सेंटर लियोबेन’ जेल बाहर से किसी मॉडर्न यूरोपियन अपार्टमेंट जैसी लगती है। ओपन डिज़ाइन, कांच की खिड़कियां, आरामदायक कमरे और अटैच बाथरूम इस जेल को आलीशान बनाते हैं।यहां अपराधी को न केवल सुविधाएं दी जाती हैं, बल्कि सम्मान के साथ जीने का अभ्यास कराया जाता है, ताकि वो बाहर जाकर समाज के लिए खतरा न बने।स्पेन की अरांजुएज़ जेल: बच्चों के लिए स्पेशलस्पेन की अरांजुएज़ जेल को 'फैमिली फ्रेंडली' जेल कहा जाता है। ये दुनिया की इकलौती जेल है जहां छोटे बच्चे अपनी कैदी मां या पिता के साथ रह सकते हैं।यहां रंग-बिरंगे कमरों, खेलने की जगहों और बच्चों की ज़रूरतों के मुताबिक डिज़ाइन किया गया इंटीरियर है। मकसद है, बच्चों को परिवार से अलग न करना और कैदियों को पेरेंटिंग के लिए प्रेरित करना।न्यूजीलैंड की ओटागो जेल: स्किल्स के साथ नई शुरुआतओटागो करेक्शन फैसिलिटी कैदियों को डेयरी फार्मिंग, कुकिंग, इंजीनियरिंग जैसी स्किल्स सिखाती है। कमरे साफ, हवादार और तकनीकी सुविधाओं से लैस हैं।ये जेल अपराधियों को भविष्य में स्वावलंबी और ज़िम्मेदार नागरिक बनाने पर ज़ोर देती है, ताकि वो समाज में दोबारा आत्मसम्मान के साथ वापसी कर सकें।स्विट्ज़रलैंड और स्कॉटलैंड: शिक्षा और आज़ादी का मेलस्विट्ज़रलैंड की शॉंप-डोलन जेल में कैदियों को प्राइवेसी और ओपन स्पेस दिया गया है।वहीं स्कॉटलैंड की एडिवेल जेल में अपराधियों को 'लर्नर' की तरह ट्रीट किया जाता है, उन्हें स्किल ट्रेनिंग, शॉवर, टीवी और लैपटॉप जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।ये सोच वहां आम है कि अगर अपराधी को बेहतर इंसान बनने का मौका मिले, तो वो समाज के लिए बोझ नहीं, ताकत बन सकता है।बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment