Doomsday Plane ने उड़ान भरी, क्या परमाणु जंग के करीब पहुंच रही है दुनिया?

एक ऐसा विमान जिसने एक बार फिर दुनिया की नींद उड़ा दी है। नाम है, Boeing E-4B Nightwatch, जिसे ‘Doomsday Plane’ भी कहा जाता है।

इस बार इसकी उड़ान ने सिर्फ एविएशन ट्रैकर्स की नहीं, बल्कि तमाम देशों की चिंता भी बढ़ा दी है। क्यों?

क्योंकि ईरान और इस्राइल के बीच तनाव की आग धधक रही है और ठीक इसी वक्त अमेरिका का ये 'फ्लाइंग पेंटागन' कहे जाने वाला विमान आसमान में देखा गया।


क्यों डराते हैं E-4B की उड़ान के संकेत?

बात बहुत सीधी है, E-4B नाइटवॉच कोई मामूली विमान नहीं। ये उस घड़ी को दर्शाता है जब दुनिया किसी बड़े संकट या संभावित परमाणु संघर्ष की ओर बढ़ रही होती है।

ये मोबाइल कमांड सेंटर की तरह काम करता है, राष्ट्रपति से लेकर मिलिट्री टॉप brass तक, सब इससे सीधे कम्यूनिकेट कर सकते हैं। और इसकी एक खास बात, ये परमाणु हमले से भी बच सकता है।

E-4B की उड़ान मंगलवार शाम 6 बजे लुइसियाना के बॉसियर सिटी से शुरू हुई और रात 10 बजे के बाद वॉशिंगटन डीसी के पास समाप्त हुई।

लेकिन जो बात सबसे ज्यादा खटक रही है वो है इसका उड़ान रूट, इसने पहले तटीय क्षेत्रों में चक्कर काटा, फिर वर्जीनिया और नॉर्थ कैरोलिना की सीमाओं पर मंडराया और अंत में एंड्रयू एयरबेस पर उतरा।


'ऑर्डर 01' कोड का पहली बार इस्तेमाल, संयोग या चेतावनी?

गौर करने वाली बात ये भी है कि इस बार ‘ऑर्डर 01’ कोड का उपयोग किया गया, जो पहले कभी नहीं देखा गया था।

यही वजह भी है कि Donald Trump के नेतृत्व में अमेरिका के युद्ध में उतरने की अटकलें तेज हो गई हैं।

ट्रंप ने हाल में ईरान को बिना शर्त सरेंडर करने को कहा था और इस्राइल की सैन्य कार्रवाइयों को पूरा समर्थन भी दिया है।

ऐसे में E-4B की उड़ान को सिर्फ ‘रूटीन ऑपरेशन’ मानना शायद नासमझी होगी।


क्या वाकई युद्ध की ओर बढ़ रहा है अमेरिका?

हवा में E-4B का उठना अमेरिका के तैयार होने का सबसे स्पष्ट संकेत होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर अमेरिका ने इस्राइल के साथ मिलकर ईरान पर हमला शुरू कर दिया, तो ये महज एक क्षेत्रीय युद्ध नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर पूरे मध्य पूर्व और यूरोप तक महसूस किया जाएगा।


इतिहास भी देता है डराने वाले संकेत

9/11 हमले के समय भी इस विमान का इस्तेमाल किया गया था। उस वक्त तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश इसी विमान से ऑपरेशनल रहे थे।

इतना ही नहीं, 1995 के तूफान ओपल में FEMA टीम को भी इसी के ज़रिए तैनात किया गया था।

यानी, जब भी ये विमान उड़ता है, माना जाता है कि कोई बड़ी आपदा या निर्णायक सैन्य कार्रवाई आसन्न है।


अब आगे क्या?, चिंता और उम्मीद की बीच झूलता संतुलन

दूसरी तरफ रूस और चीन ने इस स्थिति में शांति की पहल शुरू की है। सवाल ये है, क्या अमेरिका और इस्राइल दोनों पीछे हटेंगे, या फिर जंग का डंका सच में बजने वाला है?

जैसे-जैसे फ्लाइट डाटा, कोड संकेत और ट्रंप के बयान एक साथ मिलते हैं, एक तस्वीर बन रही है, और वो तस्वीर भयावह है। क्योंकि जब ‘Doomsday Plane’ उड़ता है, जानने वाले अब जानते हैं कि दुनिया सांस रोक लेती है।

बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

Comments (0)