केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा आर्यन हेली एविएशन कंपनी का एक हेलिकॉप्टर 22 मई को रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड के पास गौरीमाई खर्क में क्रैश हो गया।हादसे में 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें पायलट, एक मासूम बच्ची और उसके माता-पिता भी शामिल थे।हादसे की वजह शुरू में खराब मौसम और कोहरे को माना गया, लेकिन अब जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वो हेलिकॉप्टर ऑपरेटिंग कंपनी की लापरवाही की ओर इशारा कर रहे हैं।सुबह 5:24 बजे हादसा, जबकि स्लॉट था 6 से 7 बजे कादर्ज एफआईआर के अनुसार, आर्यन हेली एविएशन कंपनी को DGCA और UCADA द्वारा सुबह 6 से 7 बजे के बीच उड़ान भरने का स्लॉट अलॉट किया गया था, लेकिन कंपनी ने इस SOP की अनदेखी करते हुए सुबह 5:11 बजे ही हेलिकॉप्टर को उड़ा दिया।सिर्फ 13 मिनट बाद यानी 5:24 बजे यह हादसा हो गयातहरीर के आधार पर, कंपनी के दो वरिष्ठ अधिकारी, विकास तोमर (बेस मैनेजर) और कौशिक पाठक (अकाउंटेबल मैनेजर) को इस लापरवाही के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है।उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 105 और वायुयान अधिनियम 1934 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।'कोहरा काल बनकर आया', चश्मदीदों ने सुनाई दिल दहला देने वाली कहानीइस दर्दनाक हादसे की गवाह बनीं नेपाली मूल की दो बहनें शर्मिला और संजू, जो गौरीकुंड के पास रहती हैं और घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने का काम करती हैं।उन्होंने बताया कि सुबह 5 बजे तक मौसम बादलों से ढका था, लेकिन कोहरा नहीं था। तभी एक हेलिकॉप्टर वहां से गुजरता दिखाई दिया।“हेलिकॉप्टर जैसे ही उस इलाके में आया, अचानक घना कोहरा छा गया। हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा, पीछे की ओर गया और फिर नीचे आकर पेड़ से टकरा गया” - शर्मिला, चश्मदीदउनके मुताबिक, घटना उनके 20 मीटर पास घटी और कुछ ही सेकंड्स में हेलिकॉप्टर आग की लपटों में घिर गया।हादसे में बच्ची की दर्दनाक मौत, आग के बीच कुछ सुनाई नहीं दे रहा थाशर्मिला ने आगे बताया कि घटनास्थल पर जब वे पहुंचीं, तो एक मासूम बच्ची नीचे गिरी हुई थी, जो शायद हेलिकॉप्टर से गिरकर एक बड़े पत्थर से टकरा गई थी।“बच्ची की सांसें थम चुकी थीं, और हेलिकॉप्टर जल रहा था। आग इतनी भीषण थी कि कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था।”यह बच्ची और उसके माता-पिता महाराष्ट्र से थे। तीनों की इस त्रासदी में जान चली गई।अब हुआ बड़ा एक्शन: केस दर्ज, ऑपरेशन निलंबितDGCA ने इस हादसे के तुरंत बाद सख्त कार्रवाई की है:आर्यन एविएशन का चारधाम यात्रा के लिए संचालन तत्काल निलंबित कर दिया गया है।कंपनी के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।मेसर्स ट्रांस भारत एविएशन के दो हेलिकॉप्टर भी खराब मौसम में उड़ान भरते पाए गए थे, जिसके चलते उनके दोनों पायलटों का लाइसेंस 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।लापरवाही या जानबूझ कर किया गया नियम उल्लंघन?इस पूरे मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है, क्या चारधाम यात्रा जैसे संवेदनशील और मौसम-निर्भर क्षेत्र में भी हेलिकॉप्टर ऑपरेटर कंपनियां मनमाने ढंग से SOP की धज्जियां उड़ा रही हैं?फिलहाल, पुलिस जांच कर रही है कि क्या कंपनी को मौसम की जानकारी थी, फिर भी उसने उड़ान क्यों भरी?और क्या इन अधिकारियों की लापरवाही के पीछे कोई आंतरिक दबाव या टारगेट फोर्सिंग थी?आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment