भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका UPI अब हर वर्ग और हर उम्र के लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है।आज 46 करोड़ से अधिक लोग और 6.5 करोड़ व्यापारी UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं। छोटे से छोटे ट्रांजेक्शन के लिए भी लोग इसका सहारा ले रहे हैं।लेकिन पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर अफवाह फैल रही थी कि UPI पेमेंट पर अब एक्स्ट्रा चार्ज लगाया जाएगा। लोगों के बीच चिंता बढ़ गई कि कहीं डिजिटल पेमेंट करना महंगा न हो जाए।सरकार ने क्या कहा?वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर स्पष्ट तौर पर लिखा है कि सरकार UPI और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी तरह का अतिरिक्त चार्ज लगाने की कोई योजना नहीं है।मंत्रालय ने कहा कि कुछ लोग झूठी खबरें फैलाकर पैनिक क्रिएट कर रहे हैं, जिन पर ध्यान न दिया जाए।इस जवाब से साफ हो गया है कि डिजिटल पेमेंट, खासकर UPI, पूरी तरह फ्री रहेगा और सरकार की मंशा इसे और ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की है।ट्रांजेक्शन में रिकॉर्ड तोड़ तेजी1 जून 2025 को UPI ट्रांजेक्शन की संख्या 64.4 करोड़ रही थी और अगले ही दिन यह 65 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई।सालाना तुलना करें तो वित्तीय वर्ष 2024 में यह संख्या 64 करोड़ थी, जो अब तेजी से बढ़ रही है।पीएम मोदी के नेतृत्व में जारी एक सरकारी पुस्तिका में बताया गया है कि मार्च 2025 में UPI के ज़रिए कुल 24.77 लाख करोड़ रुपये के 1,830 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए।इसमें से 50% से ज्यादा ट्रांजेक्शन छोटे या बहुत छोटे भुगतान के रूप में किए गए हैं।भारत बना डिजिटल भुगतान में ग्लोबल लीडरराजग सरकार के 11 साल पूरे होने पर जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की डिजिटल पेमेंट प्रणाली अब वैश्विक स्तर पर फैल चुकी है और कई देश इसे अपना रहे हैं।सरकार की DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना में डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर नकेल कसी गई है।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment