2025 में दुनिया बन चुकी है परमाणु बारूद का गोदाम, SIPRI की चौंकाने वाली रिपोर्ट!

आज की दुनिया के हालात देखें, तो ऐसा लगता है जैसे हर देश जंग की तैयारी में है। कोई पड़ोसी से भिड़ा है, तो कोई समुद्र पार से धमकियां दे रहा है।

एक तरफ रूस-यूक्रेन का युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा, वहीं मिडिल ईस्ट में इज़रायल और ईरान के बीच तनातनी हर दिन खतरनाक मोड़ पर पहुंच रही है।

इन सबके बीच, अब जो रिपोर्ट सामने आई है, उसने वाकई होश उड़ा दिए हैं। जी हां, बात हो रही है परमाणु हथियारों के जखीरे की।

दरअसल, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) ने अपनी साल 2025 की लेटेस्ट रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दुनिया के न्यूक्लियर स्टेटस की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है।


दुनिया बारूद के ढेर पर बैठी है, SIPRI रिपोर्ट का बड़ा खुलासा

इस रिपोर्ट के मुताबिक, 9 देशों के पास इस समय कुल मिलाकर 12,241 न्यूक्लियर वॉरहेड्स मौजूद हैं।

यानी ज़रा सी चूक, ज़रा सा टकराव, और पूरा ग्रह रेडियोएक्टिव खंडहर में तब्दील हो सकता है।

इन 9 देशों के नाम सुनिए, अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम (UK), भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इज़रायल।

SIPRI का कहना है कि इन देशों ने ना सिर्फ अपने पुराने परमाणु हथियारों को अपग्रेड किया है, बल्कि अब ये और ज़्यादा खतरनाक और एडवांस वर्जन पर काम भी कर रहे हैं।


रूस और अमेरिका ही सबसे बड़े ‘परमाणु मालिक’

सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि अकेले अमेरिका और रूस के पास दुनिया के 90% न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं।

रिपोर्ट बताती है कि रूस के पास 5,459 न्यूक्लियर हथियार, और अमेरिका के पास 5,177 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं। यानी अगर इन दो देशों की जंग छिड़ गई, तो पूरा मानव समाज खत्म हो सकता है।


भारत भी पीछे नहीं, बढ़ाई न्यूक्लियर ताकत

SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब 180 परमाणु हथियारों का मालिक बन चुका है। इसके साथ ही भारत नए तरह के न्यूक्लियर डिलीवरी सिस्टम, यानि कि मिसाइल, फाइटर जेट्स और सबमरीन, तैयार कर रहा है।

भारत अब सिर्फ ‘रखने’ की नहीं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर ‘चलाने’ की भी तैयारी में है।


पाकिस्तान भी अपनी जगह पर अड़ा है, चीन चुपचाप बढ़ा रहा स्टॉक

रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान के पास 170 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं, और वह भी अपनी क्षमता को बढ़ा रहा है।

वहीं चीन ने चौंकाने वाले तरीके से 600 वॉरहेड्स इकट्ठा कर लिए हैं, और खबर है कि वह अगले कुछ सालों में इस संख्या को अमेरिका-रूस के बराबर लाने की फिराक में है।


बाकी देशों का हाल, इज़रायल, फ्रांस, UK और उत्तर कोरिया

फ्रांस के पास 290 वॉरहेड्स, UK के पास 225, इज़रायल के पास 90, और उत्तर कोरिया के पास भी दर्जनों परमाणु हथियार होने की बात कही गई है।

हां, उत्तर कोरिया के सही आंकड़ों की पुष्टि नहीं हो सकी, मगर अंदाजा है कि वह इस लिस्ट में कहीं भी हल्का नहीं है।


युद्ध का खतरा अब सिर्फ हकीकत नहीं, टाइम बम है

अब सोचिए, जब इतने सारे देश न्यूक्लियर हथियारों से लैस हैं, और उनमें से कई तो सीधे टकराव की स्थिति में हैं, तो हालात कितने नाजुक हैं। SIPRI की रिपोर्ट सिर्फ आंकड़े नहीं देती, ये एक चेतावनी है।

गौर करने वाली बात ये है कि इन हथियारों की संख्या तो एक बात है, मगर चिंता की असली वजह ये है कि अब ये हथियार और ज़्यादा सटीक, रिमोट-कंट्रोल्ड, और हाई-स्पीड हो चुके हैं। यानी अब मार दूर से भी हो सकती है और बचने का वक्त भी नहीं मिलेगा।


भारत के लिए क्या है सबक?

भारत एक ज़िम्मेदार न्यूक्लियर पावर है। लेकिन जिस तरह से पड़ोसी देशों में हथियारों की होड़ मची है, भारत को भी अपनी सुरक्षा नीति को और भी ज्यादा सख्त और रणनीतिक बनाना होगा।


क्या भारत इसके लिए तैयार हैं?

इसका सीधा जवाब फिलहाल ये है कि आज ज़रूरत सिर्फ न्यूक्लियर स्टॉक बढ़ाने की नहीं है, बल्कि इस बारूद के ढेर पर बैठी दुनिया को शांति के रास्ते पर लाने की है।

वरना अगर किसी एक उंगली ने गलती से भी बटन दबा दिया, तो आने वाली नस्लों को सिर्फ राख और रेडिएशन ही मिलेगा।

बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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