लखनऊ में शुक्रवार सुबह एक चौकाने वाली घटना सामने आई जब मुख्यमंत्री आवास से केवल 100 कदम दूर एक युवक ने जहर खा लिया। यह घटना लामार्ट्स चौराहे के पास सुबह 9:20 बजे हुई। घटना के समय मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी और QRT टीम तुरंत प्रतिक्रिया में आए। युवक ने खुद पुलिस को बताया कि उसने जहर खा लिया है। पुलिसकर्मी उसे लड़खड़ाते देखकर घबरा गए और तुरंत सिविल हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसकी एडमिशन कराकर इलाज शुरू किया। बुलंदशहर से आया युवक युवक की पहचान अजय कुमार, जो बुलंदशहर के तातारपुर का रहने वाला है, के रूप में हुई है। शुरुआती पूछताछ में अजय ने बताया कि वह बिजली विभाग से परेशान था। मजबूरी और निराशा के चलते उसने यह कदम उठाया। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की भी जांच कर रही है ताकि घटना की पूरी सटीक जानकारी मिल सके। घटना के पीछे की वजह अजय ने बताया कि वह 2014 में अपने इलाके में आटा चक्की लगाई थी। कुछ महीने पहले उसके इलाके का ट्रांसफॉर्मर फूंक गया। उसने विभाग से शिकायत की तो नया ट्रांसफॉर्मर लगाया गया, लेकिन नया ट्रांसफॉर्मर एक घंटे भी नहीं चला। जब उसने दोबारा ट्रांसफॉर्मर की शिकायत की, तो विभाग ने उसे ट्रांसफॉर्मर ठीक कराने के लिए 70% खर्चा देने के लिए कहा। अजय ने बताया कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बार-बार उसे चक्कर लगाने पर मजबूर कर रहे थे। इसके बावजूद उसका काम नहीं हो पा रहा था। इस वजह से वह अत्यंत निराश और आहत था। उसने शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री से जनता दरबार में मिलने के लिए लखनऊ आने का फैसला किया। लेकिन तनाव और निराशा इतनी अधिक थी कि उसने चौराहे पर खुद जहर खा लिया। प्रशासन और बिजली विभाग की प्रतिक्रिया बुलंदशहर के विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता सुरजीत सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यह उपभोक्ता विभाग से सीधे संपर्क नहीं कर पाया। विभाग यह पता लगाने में लगा है कि कौन से अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही के कारण ट्रांसफॉर्मर की समस्या का समाधान नहीं हुआ। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और सरकारी सेवाओं में उत्पन्न बाधाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। अधिकारियों की लापरवाही और अतिरिक्त खर्चा मांगने की बातें उजागर होने के बाद अब विभाग के अधिकारी जिम्मेदारों की पहचान कर कठोर कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं। नागरिक और प्रशासन की भूमिका इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि जब आम नागरिक सरकारी विभागों में निरंतर समस्याओं का सामना करता है और उसका समाधान नहीं होता, तो इससे मानसिक तनाव और निराशा बढ़ सकती है। प्रशासन ने तुरंत प्रतिक्रिया देकर युवक की जान बचाई, लेकिन यह घटना सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करती है। अजय के जहर खाने की कोशिश ने न केवल लखनऊ बल्कि पूरे राज्य में प्रशासन और जनता दोनों को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला चेतावनी है कि सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और त्वरित समाधान की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि नागरिकों को इसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। Comments (0) Post Comment