SRMU बाराबंकी लाठीचार्ज: CM योगी ने लिया संज्ञान, IG अयोध्या करेंगे जांच; CO सिटी निलंबित

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बाराबंकी स्थित श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत संज्ञान लिया और जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं. CM के निर्देश के बाद CO सिटी हर्षित चौहान को निलंबित किया गया और कई पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है.

 जांच और कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि IG अयोध्या प्रवीण कुमार पूरे घटनाक्रम की जांच करें और तथ्य आधारित रिपोर्ट दें.

साथ ही, मंडलायुक्त अयोध्या को विश्वविद्यालय की डिग्री और पाठ्यक्रम की मान्यता से जुड़े सवालों की जांच का काम सौंपा गया है.

 घटना और हालात

सोमवार, 1 सितंबर को छात्र बिना मान्यता वाले कोर्स के आरोपों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस से उनकी झड़प हो गई.

झड़प के दौरान हालात बिगड़े तो भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए और अस्पताल भेजे गए.

 पुलिस का पक्ष

पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों के बीच कहासुनी से स्थिति बिगड़ी, जिसके बाद न्यूनतम बल का उपयोग करना पड़ा.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि फिलहाल माहौल शांत है, वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं और लिखित शिकायत का इंतजार है.

 विश्वविद्यालय का पक्ष

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि उनके विधि पाठ्यक्रम को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से पूरी मान्यता मिली हुई है.

रजिस्ट्रार प्रोफेसर नीरजा जिंदल के मुताबिक BCI ने 2022–23 के लिए अनुमोदन दस्तावेज जारी किए हैं और 2027 तक का संबद्धता शुल्क जमा है, इसलिए भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं.

 छात्रों के आरोप

छात्रों का कहना है कि उन्हें ऐसे लॉ कोर्स में दाखिला दिया गया जिसकी मान्यता को लेकर सवाल हैं, जिससे करियर पर असर पड़ेगा.

इसी मुद्दे पर बातचीत और स्पष्टता मांगते हुए छात्रों ने शांतिपूर्ण विरोध शुरू किया था, जो टकराव में बदल गया.

 ABVP का समर्थन

ABVP पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अधिकारों की मांग कर रहे छात्रों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई और कई छात्र घायल हुए.

रात में ABVP कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया, पुतला दहन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

 मांगें और आगे का रास्ता

ABVP ने मांग की कि कुलपति छात्रों से सीधे बात करें, निष्कासित छात्रों की वापसी हो और लॉ डिग्री की मान्यता पर लिखित स्पष्टता दी जाए.

CM के संज्ञान, CO के निलंबन और IG-स्तरीय जांच से उम्मीद है कि जिम्मेदारियां तय होंगी और पढ़ाई से जुड़े सारे सवालों का समाधान सामने आएगा


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