ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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दिल्ली में हर साल दिवाली के आते ही एक बहस छिड़ जाती है - क्या इस बार पटाखे जलेंगे? बढ़ता प्रदूषण एक बड़ी चिंता है, तो वहीं करोड़ों लोगों की आस्था और त्योहार मनाने की भावना भी जुड़ी है। इसी कशमकश के बीच दिल्ली की नई सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएगी कि इस दिवाली दिल्ली में प्रमाणित ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी जाए।
CM रेखा गुप्ता की पहल
सोमवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह कदम लोगों की भावनाओं और पर्यावरण की सुरक्षा के बीच संतुलन साधने की एक कोशिश है。 उन्होंने कहा, "दिवाली भारत की सांस्कृतिक धरोहर का बड़ा हिस्सा है। हम करोड़ों दिल्लीवालों की भावनाओं का सम्मान करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय से यह निवेदन करेंगे कि इस दीपावली पर प्रमाणित ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति प्रदान की जाए।" सरकार का मानना है कि जनभावनाओं और पर्यावरण संरक्षण, दोनों के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है 。 सरकार 8 अक्टूबर को कोर्ट के सामने लिखित में अपना पक्ष रखेगी ।
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
कई लोग सोचते हैं कि ग्रीन पटाखे मतलब हरे रंग के पटाखे, लेकिन ऐसा नहीं है। ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों के मुकाबले 30-40% तक कम प्रदूषण फैलाते हैं। इनमें बेरियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक केमिकल नहीं होते। ये कम आवाज करते हैं और इनसे निकलने वाले हानिकारक कण भी बहुत कम होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केवल उन्हीं ग्रीन पटाखों की अनुमति दी है जिन्हें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा प्रमाणित किया गया हो।
पुलिस की कार्रवाई और पिछला रिकॉर्ड
एक तरफ सरकार अनुमति मांगने की तैयारी कर रही है, तो दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस अवैध पटाखों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। हाल ही में पुलिस ने कई छापों में 1700 किलो से ज्यादा प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए हैं और सात लोगों को गिरफ्तार भी किया है। आपको बता दें कि पिछले साल से ही दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है। इसका मकसद दिल्ली की हवा को और जहरीला होने से बचाना है, जो हर साल सर्दियों में बेहद खराब हो जाती है।
आगे क्या होगा?
अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। दिल्ली सरकार की याचिका पर कोर्ट क्या फैसला सुनाता है, यह देखना अहम होगा। सरकार का कहना है कि अगर कोर्ट इजाजत देता है, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ प्रमाणित ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल हो और सभी सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन किया जाए । उम्मीद है कि कोर्ट दिल्ली के लोगों की सेहत और उनकी त्योहार मनाने की खुशी, दोनों को ध्यान में रखकर कोई संतुलित फैसला लेगा।
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