आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर देश की राजनीति में अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा और सुनियोजित कदम उठाया है।दिल्ली की सीमाओं से बाहर निकलकर अब ‘आप’ देश के अन्य राज्यों में भी सक्रिय रूप से संगठन विस्तार में जुट गई है।इस कड़ी में गुरुवार 22 मई को पार्टी की ओर से कई अहम नियुक्तियों की घोषणा की गई, जिसमें विभिन्न राज्यों के लिए प्रभारियों और सह-प्रभारियों के नाम सामने आए। यही नहीं, छात्र राजनीति के मैदान में भी ‘आप’ की छात्र इकाई ASAP ने कई चौंकाने वाली घोषणाएं करते हुए युवा मतदाताओं को साधने की कोशिश की है।सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये नियुक्तियां केवल नाममात्र की औपचारिकताएं नहीं हैं, बल्कि इनका सीधा संबंध आम आदमी पार्टी की 2024 और आगामी राज्य विधानसभा चुनावों की रणनीति से जुड़ा हुआ है।‘आप’ की नई टीम, राज्यों में बंटा जिम्मादिल्ली सरकार की मंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने एक लिस्ट जारी करते हुए सभी नवनियुक्त नेताओं को बधाई दी और कहा कि ये नेता अब अपने-अपने राज्यों में AAP की नीतियों और विचारधारा को आगे ले जाएंगे। इस लिस्ट में कुछ बेहद चर्चित और अनुभवी चेहरों के नाम शामिल हैं।दिलीप पांडेय को पार्टी ने प्रवासी समन्वयक की अहम जिम्मेदारी सौंपी है, यानी अब एनआरआई और दूसरे राज्यों में रहने वाले समर्थकों से समन्वय साधने की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है।वहीं, जितेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश, ऋतुराज गोविंद को हिमाचल प्रदेश, महेंद्र यादव को उत्तराखंड, धीरज टोकस को राजस्थान और प्रकाश जरवाल को महाराष्ट्र का प्रभारी नियुक्त किया गया है।ये नियुक्तियां साफ इशारा करती हैं कि आम आदमी पार्टी अब राज्यों में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ और जमीन से जुड़े चेहरों को सामने ला रही है।सह-प्रभारियों की फौज भी तैनातइतना ही नहीं, कई राज्यों के लिए सह-प्रभारियों की भी नियुक्ति की गई है जो वहां के मौजूदा प्रभारी के साथ मिलकर संगठन के विस्तार और बूथ स्तर तक पार्टी की पहुंच बनाने का काम करेंगे।उत्तर प्रदेश के लिए दिलीप पांडेय के साथ-साथ विशेष रवि, अनिल झा और सुरेंद्र कुमार को सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है।उत्तराखंड में ये जिम्मेदारी घनेंद्र भारद्वाज को दी गई है, जबकि हिमाचल प्रदेश में विजय फुलारा को सह प्रभारी बनाया गया है।गौर करने वाली बात ये है कि इन सभी नेताओं को उन्हीं क्षेत्रों की ज़िम्मेदारी दी गई है, जहां पार्टी अब तक अपेक्षाकृत कमज़ोर थी।यानी अब AAP इन राज्यों में अपनी जड़ें जमाने के लिए नए सिरे से संगठित प्रयास कर रही है।छात्र राजनीति में भी AAP की धमाकेदार एंट्रीवहीं दूसरी तरफ, पार्टी की छात्र इकाई ASAP (Association of Students for Alternative Politics) ने भी अपनी योजनाओं की झलक दिखाते हुए साफ कर दिया है कि अब AAP छात्र राजनीति में भी पूरी ताकत से उतरने जा रही है।ASAP के संयुक्त सचिव दीपक बंसल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई अन्य संस्थानों में पहले ही इकाइयाँ स्थापित कर दी हैं।इस छात्र संगठन की योजनाओं में एक विशेष हेल्पलाइन नंबर शुरू करना, दिल्ली के हर जिले में 12वीं कक्षा में अव्वल रहने वाले छात्रों को सम्मानित करना और विश्वविद्यालयों में युवाओं के बीच वैकल्पिक राजनीति को बढ़ावा देना शामिल है।दरअसल, पार्टी बखूबी समझती है कि युवाओं को जोड़ने और जमीनी कार्यकर्ताओं की एक नई पीढ़ी तैयार करने में छात्र राजनीति का अहम योगदान हो सकता है।ASAP की घोषणा इस दिशा में एक ठोस और दूरगामी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।AAP का बड़ा सियासी संकेतसाफ तौर पर देखा जाए तो इन तमाम नियुक्तियों और घोषणाओं के पीछे AAP की बड़ी सियासी योजना छिपी है।पार्टी न सिर्फ राज्यों में अपने सांगठनिक ढांचे को मज़बूत कर रही है, बल्कि युवाओं, छात्रों और आम मतदाता को एक नई राजनीतिक सोच की ओर आकर्षित करने की कोशिश भी कर रही है।बेहतर तालमेल, ज़मीन से जुड़ी टीम और वैकल्पिक राजनीति के पैग़ाम के ज़रिये AAP अब खुद को राष्ट्रीय विकल्प के तौर पर पेश करने की पूरी तैयारी में है, और ये भी समझा जा सकता है कि ये बदलाव आने वाले समय में पार्टी के लिए कितने निर्णायक साबित हो सकते हैं।2024 की तैयारी या उससे भी बड़ी कोई रणनीति?एक तरफ केजरीवाल ED और CBI की कार्रवाईयों से घिरे हैं, तो दूसरी तरफ पार्टी का ये संगठित फैलाव ये दिखाता है कि AAP ने खुद को रक्षात्मक मोड से निकालकर आक्रामक रणनीति में बदल दिया है।क्या ये सिर्फ लोकसभा 2024 की तैयारी है या फिर राज्यों में सत्ता की कुंजी हासिल करने की तैयारी का आगाज़? ये आने वाला वक़्त बताएगा।पर जो बात अब पूरी तरह साफ हो चुकी है, वो ये कि AAP अब ‘दिल्ली तक सीमित पार्टी’ नहीं रहना चाहती बल्कि वो पूरे देश में वैकल्पिक राजनीति की एक मज़बूत नींव डालने में जुटी है।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment