क्या आपने भी देखा है कि IRCTC वेबसाइट पर कुछ खास ट्रेनों के टिकट बुक होते ही मिनटों में खत्म हो जाते हैं?यह समस्या ज्यादातर यात्रा से 60 दिन पहले बुकिंग खुलने पर सामने आती है। IRCTC ने इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया है और पता लगाया है कि यह खेल फर्जी यूजर ID और डिस्पोजेबल ईमेल के जरिए किया जा रहा था।पिछले 5 महीनों में IRCTC ने 2.9 लाख संदिग्ध PNR (बुकिंग नंबर) की पहचान की है, जिनमें टिकट बुकिंग शुरू होने के 5 मिनट के अंदर ही खरीदारी हो चुकी थी।रेलवे अधिकारियों के अनुसार जनवरी से मई के बीच 2.5 करोड़ फर्जी यूजर IDs को बंद किया गया है और 20 लाख से ज्यादा IDs की जांच जारी है।राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर 134 शिकायतें दर्ज की गईं, साथ ही 6,800 से अधिक डिस्पोजेबल ईमेल डोमेन्स को ब्लॉक किया गया।धोखेबाज लोग डिस्पोजेबल ईमेल एड्रेसिंग का इस्तेमाल कर बॉट और फर्जी खातों के जरिए जल्दी टिकट बुक कर लेते हैं और फिर इन्हें ज्यादा कीमत पर बेच देते हैं। यह समस्या कुछ खास रूटों और ट्रेनों तक सीमित है।IRCTC ने अपनी बुकिंग प्रणाली में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें लीडिंग कंटेंट डिलीवरिंग नेटवर्क और एंटी-BOT एप्लीकेशन शामिल हैं।एंटी-BOT तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि टिकट बुकिंग कोई असली इंसान कर रहा है, न कि कोई कंप्यूटर प्रोग्राम।इससे यात्रियों को टिकट बुकिंग में आसानी होगी और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।साथ ही रेलवे ने यात्रियों के लिए ट्रेन क्षमता बढ़ाने और अतिरिक्त ट्रेनों के परिचालन पर भी काम शुरू कर दिया है ताकि टिकट की कमी की समस्या कम हो सके।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment