टेस्ट क्रिकेट में जब भी बात आक्रामकता और क्लास की साथ में होती है, तो ऋषभ पंत का नाम ज़रूर लिया जाता है। और अब, पंत ने उस बात को एक बार फिर साबित कर दिखाया है।इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट के चौथे दिन उन्होंने ऐसा कमाल कर दिखाया जिसे पिछले 24 सालों में कोई और विकेटकीपर दोहरा नहीं पाया।पहली पारी में धमाकेदार 134 रन बनाने के बाद, पंत ने दूसरी पारी में भी अपनी लय बरकरार रखी और शानदार 118 रन ठोक दिए।इसी के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया, टेस्ट क्रिकेट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले केवल दूसरे विकेटकीपर बन गए हैं।पिच पर फिर छाया 'ऋषभपंती' का रंगलीड्स टेस्ट के चौथे दिन की शुरुआत टीम इंडिया के लिए अच्छी नहीं रही। पहले ही ओवर में शुभमन गिल केवल 8 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।स्कोर 92/3 था और हालात दबाव वाले, लेकिन फिर मैदान में उतरे ऋषभ पंत, और फिर जो हुआ, वो क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गया।पंत ने केएल राहुल के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 195 रन की विशाल साझेदारी की।इस साझेदारी ने भारतीय पारी को ना केवल संभाला, बल्कि इंग्लैंड को बैकफुट पर भी धकेल दिया।पंत की ये सेंचुरी महज 130 गेंदों में आई। इस दौरान उन्होंने 15 चौके और 3 छक्के जड़े। उनके हर शॉट में आत्मविश्वास और इरादा दोनों झलकता रहा।24 साल बाद दोहराया गया रिकॉर्डपंत से पहले टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने का कारनामा एक ही विकेटकीपर ने किया था, एंडी फ्लॉवर, जिम्बाब्वे के दिग्गज।साल 2001 में उन्होंने हरारे टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में 142 और दूसरी पारी में नाबाद 199 रन बनाए थे।अब ऋषभ पंत ने उसी रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है, और वो भी इंग्लैंड की सरज़मीं पर, जो बल्लेबाजों के लिए कभी आसान नहीं मानी जाती।इंग्लैंड में रचा गया भारतीय इतिहासइस प्रदर्शन के साथ पंत एक और कीर्तिमान के हकदार बन गए हैं। वो इंग्लैंड में टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं।इतना ही नहीं, वो अब भारत के सातवें ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने किसी टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ा है। उनसे पहले ये उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ियों में नाम हैं:सुनील गावस्कर (3 बार)राहुल द्रविड़ (2 बार)विजय हजारेरोहित शर्माविराट कोहलीअजिंक्य रहाणेइस लिस्ट में अब ऋषभ पंत भी शामिल हो गए हैं, और वो भी एक विकेटकीपर के तौर पर, जो इस उपलब्धि को और भी खास बना देता है।ऋषभ की बल्लेबाजी से पलटे मैच के समीकरणपंत की पारी केवल रिकॉर्ड के लिहाज़ से अहम नहीं थी, बल्कि मैच की दिशा बदलने में भी उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।जब वो क्रीज़ पर आए, तब भारतीय टीम दबाव में थी, लेकिन उनकी बल्लेबाजी के बाद टीम ड्राइविंग सीट पर आ गई।इस पारी के बाद भारत ने न केवल मजबूत स्कोर खड़ा किया बल्कि मानसिक बढ़त भी हासिल कर ली।क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?क्रिकेट एक्सपर्ट्स और पूर्व खिलाड़ी पंत की इस उपलब्धि को "रिवॉल्यूशनरी विकेटकीपिंग बैटिंग" बता रहे हैं।उनके मुताबिक, "ऐसे समय पर जब टीम को लंगर चाहिए, पंत आंधी बनकर आते हैं, यही उनकी खासियत है।"वहीं कुछ का कहना ये भी है कि पंत अब महेंद्र सिंह धोनी के बाद भारत के सबसे प्रभावशाली टेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज बनते जा रहे हैं, खासकर विदेशी पिचों पर।केवल रन नहीं, इतिहास लिखा है पंत नेऋषभ पंत की ये पारी केवल एक सेंचुरी के तौर पर मानना गलत होगा, क्योंकि ये असल में एक जवाब था, उन सभी सवालों का जो उनकी निरंतरता पर उठते रहे। ये एक उदाहरण थी, कि एक खिलाड़ी जोश और होश दोनों के साथ कैसे खेलता है।अब जब भविष्य में कोई कहे कि "टेस्ट क्रिकेट स्लो होता है," तो आप बस ऋषभ पंत की ये दोनों पारियां याद दिला देना।बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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