ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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रवींद्र जडेजा, जिन्हें क्रिकेट में प्यार से "सर" कहा जाता है, भारतीय टेस्ट टीम के सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर हैं। कोहली, धोनी, रोहित जैसे कप्तानों के तहत खेलते हुए उन्होंने हर दौर में टीम को मजबूती दी है। अब शुभमन गिल की कप्तानी में वह टीम इंडिया की रीढ़ बन चुके हैं। इंग्लैंड दौरे में, जहाँ कई युवा खिलाड़ी दमखम दिखा रहे थे, वहीं जडेजा ने अनुभव की गारंटी दी।
अनुभव और स्थिरता
रवींद्र जडेजा ने भारतीय टेस्ट टीम में दिसंबर 2012 में नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था। उस समय टीम में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और एमएस धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे। आज, शुभमन गिल की कप्तानी में वह टीम इंडिया के सबसे वरिष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं और ड्रेसिंग रूम में उनकी उपस्थिति युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
इंग्लैंड दौरा 2025 में आलराउंड प्रदर्शन
अगस्त 2025 में इंग्लैंड दौरे पर जडेजा ने टीम की मुश्किल घड़ी में मोर्चा संभाला। उन्होंने 86 की औसत से 516 रन बनाए, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल थे यह ऐसा रिकॉर्ड है जिसे नंबर‑6 या उससे निचले क्रम से बल्लेबाज ने पहली बार बनाया। खासकर मैनचेस्टर टेस्ट में उन्होंने वाशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर 203 रन की साझेदारी की और मैच बचाया।
गेंदबाज़ी में भी उन्होंने 142 ओवरों से 7 विकेट झटके, जो इंग्लैंड की मददगार पिचों पर क़ाबिले तारीफ रहा। उनकी बल्लेबाजी औसत उन खिलाड़ियों से बेहतर थी जिन्होंने उनसे ज्यादा रन बनाए, जैसे शुभमन गिल, जो रूट और केएल राहुल ने।
जहां गिल, सुंदर और जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ी जमे हुए हैं, वहीं जडेजा जैसे अनुभवी खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में स्थायित्व देते हैं। वह बल्लेबाजी, गेंदबाजी और शारीरिक फिटनेस की बेहतरीन मिसाल हैं। गिल की कप्तानी में यह टीम पिछले कप्तानों की तुलना में युवा और गतिशील बन चुकी है, लेकिन जडेजा जैसे खिलाड़ी टीम की रणनीतिक गहराई को बनाए रखते हैं।
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