बॉलीवुड की दिवंगत अभिनेत्री दिव्या भारती आज भी अपने अभिनय और सुंदरता के कारण लोगों के दिलों में जिन्दा हैं। हाल ही में उनकी सेकेंड कज़िन और अभिनेत्री कायनात अरोड़ा ने दिव्या और उनकी मां मीता भारती से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें साझा कीं। इन खुलासों में दिव्या की बचपन की भविष्यवाणियों और उनके परिवार की सावधानी पर प्रकाश डाला गया।मीता भारती का प्यार और सुरक्षा की चिंताकायनात अरोड़ा ने बताया कि जब वह मुंबई आईं, तो दिव्या की मां ने उन्हें बड़े प्यार और स्नेह के साथ कहा, “कायनात, मेरी बेटी वापस आ गई है।” कायनात ने पूछा कि ऐसा क्यों कहा, तो मीता भारती ने बताया कि दिव्या की कुंडली में अल्पायु योग था।कायनात ने बताया कि एक पंडित ने दिव्या की कुंडली देखकर यह भविष्यवाणी की थी कि 8–9 साल की उम्र में उनकी सुरक्षा के लिए पूजा-पाठ शुरू करना जरूरी है। पंडित के अनुसार, 18 साल की उम्र के बाद दिव्या को कुछ खतरा हो सकता था।पूजा-पाठ और सुरक्षा के उपायमीता भारती ने पंडित की सलाह मानते हुए लगातार पूजा पाठ करवाई। कायनात ने बताया कि पूजा छोटे समय के अंतराल में लगातार होती रही—एक दिन, दो दिन, तीन दिन, एक महीना, दो महीने—जितनी भी रिचुअल्स जरूरी थे, उतने किए गए।हालांकि, कुछ समय बाद पूजा बंद कर दी गई। इसके बाद दिव्या ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और उनकी मां उनके साथ यात्रा करने लगीं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनकी सुरक्षा बनी रहे।भविष्यवाणी का सच और पंडित से फिर मुलाकातकायनात ने बताया कि दिव्या की मौत के बाद मीता भारती ने उस पंडित से संपर्क किया जिसने पहले भविष्यवाणी की थी। मीता भारती ने उनसे कहा, “पंडित जी, आपने जो भविष्यवाणी की थी, वह सच हो गई। अब मैं क्या करूं?”पंडित ने जवाब दिया कि दिव्या पुनर्जन्म के जरिए लौटेंगी। यह घटना उनके परिवार के लिए भावनात्मक रूप से बहुत महत्वपूर्ण थी और उन्होंने इसे अपने जीवन का हिस्सा माना।दिव्या भारती की फिल्मी यात्रादिव्या भारती ने बॉलीवुड में केवल कुछ ही वर्षों में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने “शोला और शबनम”, “दीवाना” और “दिल ही तो है” जैसी फिल्मों में काम किया। उनका अभिनय, आकर्षक व्यक्तित्व और स्क्रीन पर अनोखी मौजूदगी उन्हें आज भी यादगार बनाती है।दिव्या की मौत 5 अप्रैल 1993 को हुई, जब उनकी उम्र केवल 19 साल थी। उनके अचानक निधन ने पूरे बॉलीवुड को हिलाकर रख दिया था।दिव्या नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायककायनात अरोड़ा के खुलासे हमें यह दिखाते हैं कि दिव्या भारती का जीवन सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं था, बल्कि उनके परिवार की सुरक्षा और भविष्यवाणियों की कहानी भी उनके जीवन का अहम हिस्सा थी। मीता भारती का प्यार और ध्यान, दिव्या की सुरक्षा के प्रयास, और पंडित की भविष्यवाणी की सत्यता—यह सब उनकी जीवन यात्रा को और भी गहन और भावनात्मक बनाते हैं।दिव्या भारती की कहानी आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है और उनकी यादें बॉलीवुड के इतिहास में हमेशा जीवित रहेंगी। Comments (0) Post Comment