ट्रंप के करीबी भारतीय मूल के सलाहकार पर चीनी जासूसी का आरोप, FBI ने किया गिरफ्तार

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अमेरिका से एक ऐसी सनसनीखेज खबर सामने आई है जिसने पूरी दुनिया, खासकर भारत और अमेरिका के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बेहद करीबी और वरिष्ठ सलाहकार, एशले टेलिस, को अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर लगा आरोप बेहद संगीन है - चीन के लिए जासूसी करना। यह मामला इसलिए भी खास है क्योंकि एशले टेलिस भारतीय मूल के हैं और उन्हें भारत-अमेरिका संबंधों का एक प्रमुख रणनीतिकार माना जाता रहा है।

क्या हैं एशले टेलिस पर लगे आरोप?

फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 64 वर्षीय एशले टेलिस पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी चीनी अधिकारियों को दी। जांचकर्ताओं का दावा है कि टेलिस ने साल 2022 से लेकर 2025 के बीच कई बार वर्जीनिया के रेस्टोरेंट्स में चीनी अधिकारियों के साथ गुप्त मुलाकातें कीं। इन मुलाकातों के दौरान, वह अपने साथ राष्ट्रीय रक्षा से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज ले जाते थे। FBI को शक है कि इन दस्तावेजों की जानकारी चीन के साथ साझा की गई। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए न्याय विभाग का राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग भी FBI के साथ मिलकर जांच कर रहा है।

कौन हैं एशले टेलिस?

एशले टेलिस का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन वह एक अमेरिकी नागरिक हैं। वह साल 2001 से अमेरिकी विदेश विभाग में एक सलाहकार के रूप में काम कर रहे थे, जिससे उनकी पहुंच सरकार की टॉप-सीक्रेट सूचनाओं तक थी। टेलिस को वाशिंगटन के सबसे प्रभावशाली विदेश नीति विशेषज्ञों में से एक माना जाता है, खासकर जब बात भारत और दक्षिण एशिया की आती है। उन्होंने 2008 में भारत और अमेरिका के बीच हुए ऐतिहासिक सिविल न्यूक्लियर समझौते में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस समझौते को दोनों देशों के रिश्तों में एक मील का पत्थर माना जाता है। ऐसे में उन्हीं पर जासूसी का आरोप लगना हर किसी के लिए हैरान करने वाला है।

घर से मिले हजारों पन्ने के गुप्त दस्तावेज

इस मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब FBI ने टेलिस के वर्जीनिया स्थित घर पर छापा मारा। रिपोर्टों के अनुसार, उनके घर से लगभग एक हजार पन्नों के क्लासिफाइड यानी गुप्त दस्तावेज बरामद हुए हैं। अदालत में दायर हलफनामे में इन सभी बातों का जिक्र किया गया है। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि टेलिस ने चीन को कौन-कौन सी जानकारी दी और इससे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को कितना नुकसान हुआ है। इस गिरफ्तारी ने अमेरिका के सुरक्षा तंत्र पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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