जहाँ एक तरफ हवा में मिसाइलें थीं, ज़मीन पर अफरा-तफरी, और स्टूडियो में धुएं का गुबार... वहीं दूसरी तरफ कैमरे के सामने बैठी एक महिला, जिसने न अपनी आवाज़ कांपने दी, न खबर रुकने दी, नाम है - सहर इमामी।जी हाँ, ईरान की राजधानी तेहरान पर इजरायल के अचानक हुए हवाई हमले के बीच वो टीवी स्क्रीन पर डटी रहीं। न शोर ने उनका होश उड़ाया, और न मलबे ने हिम्मत डगमगाई।क्या हुआ था उस शाम तेहरान में?वो सोमवार की शाम थी, जगह थी तेहरान। इजरायली हवाई हमले के दौरान ईरान के सरकारी टीवी चैनल IRIB की इमारत को निशाना बनाया गया। धमाका इतना ज़बरदस्त था कि लाइव ब्रॉडकास्टिंग के दौरान स्टूडियो हिल उठा।टीवी स्क्रीन पर अचानक धुंआ छा गया। लेकिन कुछ ही पल बाद वही स्क्रीन फिर से चमकी, और उसमें दिखीं फिर से सहर इमामी, अपने उसी तेज़, शांत और आत्मविश्वासी अंदाज़ में।सहर का वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर तारीफों की बाढ़जैसे ही हमला हुआ, और वो फुटेज सामने आई, सोशल मीडिया पर जैसे भूचाल आ गया।ट्विटर (अब एक्स), इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, हर तरफ एक ही नाम ट्रेंड करने लगा, Sahar Emami। लोग कहने लगे, "ये सिर्फ एक एंकर नहीं, ईरान की हिम्मत है।"लोगों ने वीडियो देखकर कहा, “जहां बाकी लोग जान बचाने की सोचते हैं, वहां सहर खबर बचाने में जुटी थीं।”उनके चेहरे पर न कोई डर, न अफरातफरी, बस पेशे के प्रति ज़िम्मेदारी और देश की आवाज़ बनकर खड़े रहने का जज़्बा।खुद खामेनेई भी हुए कायलईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी एक्स पर सहर की तारीफ की। उन्होंने लिखा, " ये है ईरान की आवाज" यानी ये है ईरान की असली आवाज़।यही नहीं, ईरान की महिला एवं परिवार कल्याण मामलों की उपराष्ट्रपति जहरा बेहरूज अजार ने भी सहर की बहादुरी पर पोस्ट किया और लिखा, “सहर आज सिर्फ एक पत्रकार नहीं, बल्कि ईरानी महिलाओं की ताक़त की पहचान बन गई हैं।”कौन हैं सहर इमामी? जानिए उनके सफर के बारे मेंसहर इमामी कोई रातों-रात उभरा चेहरा नहीं हैं। उन्होंने 2010 में मीडिया की दुनिया में कदम रखा था।हालांकि उनकी पढ़ाई फूड इंजीनियरिंग में हुई थी, मगर उनका झुकाव पत्रकारिता की तरफ रहा।धीरे-धीरे उन्होंने ईरान के सबसे अहम सरकारी चैनल IRIB में अपनी जगह बना ली और आज वे ईरान की सबसे भरोसेमंद महिला एंकरों में शुमार हैं।उनकी आवाज़, उनका अंदाज़ और सबसे बढ़कर, विपरीत परिस्थितियों में उनकी डटकर खड़े रहने की क्षमता उन्हें आज इस मुकाम तक लाई है।सहर सिर्फ एक पत्रकार नहीं, एक प्रतीक बन चुकी हैं, बहादुरी का, प्रतिबद्धता का और सच्चे प्रोफेशनलिज्म का।क्या ये है नए ईरान की पहचान?ईरान एक ऐसा देश रहा है जहां मीडिया पर कई बार नियंत्रण की बहस उठती रही है। मगर सहर इमामी की यह तस्वीर उस बहस को एक नई दिशा दे रही है।यह दिखा रहा है कि जब एक महिला पत्रकार लाइव कैमरे के सामने विस्फोट के बावजूद भी खड़ी रहती है, तो यह किसी राजनीतिक स्क्रिप्ट से ज़्यादा, एक देश के आत्मसम्मान की मिसाल बन जाता है।दूसरी तरफ, सवाल इजरायल पर भीगौर करने वाली बात ये भी है कि IRIB जैसे सरकारी मीडिया संस्थान को निशाना बनाना कितना बड़ा संदेश है? क्या यह सिर्फ एक सैन्य रणनीति थी या इसके पीछे किसी और स्तर की साइकोलॉजिकल वॉरफेयर की तैयारी?मगर फिलहाल, दुनिया का ध्यान उस एक महिला पर है, जो बमबारी के बीच भी एक शब्द नहीं चूकी।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment