China में शादी के लिए लड़कियों का अकाल, पाकिस्तान-बांग्लादेश-रूस में दुल्हन तलाश रहे चीनी

चीन की एक बच्चे की जनसंख्या नीति अब उस पर भारी पड़ रही है। लगभग 3.5 करोड़ चीनी पुरुष इस समय दुल्हन की तलाश में भटक रहे हैं, लेकिन देश में लड़कियों की संख्या इतनी कम हो गई है कि उन्हें शादी के लिए जीवनसाथी नहीं मिल रहा।

नतीजा ये हुआ है कि चीन के पुरुष अब पाकिस्तान, बांग्लादेश, रूस और दक्षिण एशियाई देशों की ओर रुख कर रहे हैं, वो भी दुल्हन "खरीदने" के इरादे से।


एक बच्चे की नीति ने किया असंतुलन पैदा

1979 में चीन ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए "वन-चाइल्ड पॉलिसी" लागू की थी। इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ रही आबादी पर लगाम लगाना था।

लेकिन इस नीति का एक अनचाहा असर ये हुआ कि ज्यादातर माता-पिता बेटे की चाह में लड़कियों के भ्रूण का गर्भपात करवाने लगे या जन्म के बाद उन्हें अपनाया नहीं गया। परिणाम ये रहा कि लिंग अनुपात तेजी से लड़कों की ओर झुक गया।

आज चीन में हर 100 लड़कियों पर 114 लड़के मौजूद हैं। 3.5 करोड़ से ज्यादा ऐसे पुरुष हैं जिन्हें शादी के लिए योग्य महिला ही नहीं मिल रही।

कुछ अनुमानों के अनुसार 2030 तक ये आंकड़ा 5 करोड़ पार कर सकता है।


ऑनलाइन वेबसाइट्स और विदेशों का सहारा

इस "ब्राइड क्राइसेस" (दुल्हन संकट) से निपटने के लिए चीनी पुरुष अब ऑनलाइन वेबसाइट्स और विदेशी मैरिज एजेंसियों का सहारा ले रहे हैं। कुछ तो सीधे-सीधे दुल्हन खरीदने की प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि, बड़ी संख्या में चीनी पुरुष बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, वियतनाम और रूस में जीवनसाथी ढूंढ रहे हैं।

कई दलालों और एजेंसियों के जरिए ये पुरुष लड़कियों को शादी के नाम पर चीन लाते हैं, लेकिन असल में मामला मानव तस्करी का होता है।


मानव तस्करी को मिल रहा बढ़ावा

महिला तस्करी के खिलाफ काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चीन में महिलाओं की तस्करी को लेकर चिंता जताई है। 

कई गैंग बांग्लादेश और पाकिस्तान से लड़कियों को झूठे शादी के वादों के साथ चीन लाते हैं।

वहां उन्हें घरेलू काम, जबरन शादी या शोषण का सामना करना पड़ता है। कुछ मामलों में महिलाएं महीनों तक अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पातीं।


बांग्लादेश में चीनी दूतावास ने दी चेतावनी

बांग्लादेश के एक प्रमुख अखबार The Daily Star की रिपोर्ट के अनुसार, ढाका में चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को विदेशी पत्नी खरीदने के झांसे में न आने की चेतावनी दी है।

दूतावास का बयान रहा कि "चीनी नागरिकों को अवैध अंतरराष्ट्रीय मैचमेकिंग सेवाओं से दूर रहना चाहिए। चीन का कानून ऐसी गतिविधियों को अपराध मानता है।"

चीन ने साफ किया है कि बाहरी देशों से महिलाओं की खरीद-फरोख्त पर सख्त एक्शन लिया जाएगा, और दोषियों को चीन में कानूनी सजा दी जाएगी।


सामाजिक संकट बनता जा रहा है ये मुद्दा

दुल्हनों की कमी अब चीन में केवल एक व्यक्तिगत या पारिवारिक चिंता नहीं रह गई है, ये सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर असंतुलन का कारण बनता जा रहा है।

युवा पुरुषों की अविवाहित आबादी बढ़ रही है, जिससे मानसिक तनाव, डिप्रेशन और अपराध दर में इजाफा हो रहा है।

गांवों और कस्बों में ये संकट और भी ज्यादा गंभीर है, जहां शादी के लिए लड़कियां लगभग गायब हो चुकी हैं।


क्या है समाधान?

हालांकि चीन ने 2015 में एक बच्चे की नीति को खत्म कर दिया और अब तीन बच्चों तक की अनुमति है, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

जनसंख्या विशेषज्ञों का कहना है कि लिंग अनुपात को संतुलित करने में दशकों लग सकते हैं।

इस बीच, सरकार को चाहिए कि वो महिला तस्करी पर सख्त कार्रवाई करे, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से इस सामाजिक संकट से निपटने की कोशिश करे।

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