2028 से ओमान में शुरू होगा इनकम टैक्स, सिर्फ अमीरों पर पड़ेगा असर!

ओमान ने वो कदम उठा लिया है, जिसे खाड़ी देशों ने अब तक टाल रखा था, इनकम टैक्स लागू करने का फैसला।

इस ऐतिहासिक निर्णय के साथ ही ओमान खाड़ी क्षेत्र का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने व्यक्तिगत आयकर (Personal Income Tax - PIT) लागू करने की औपचारिक घोषणा कर दी है।

ये टैक्स जनवरी 2028 से लागू होगा और इसका दायरा सीमित होगा, केवल उन व्यक्तियों पर जिनकी वार्षिक आय 42,000 ओमानी रियाल (लगभग 93.90 लाख रुपये) या उससे अधिक है।


अब टैक्स-फ्री नहीं रहेगा ओमान?

अब तक खाड़ी देश टैक्स-फ्री ज़ोन के रूप में जाने जाते थे, खासकर प्रवासी कामगारों के लिए। ये मॉडल उन्हें दुनियाभर के टैलेंट को आकर्षित करने में मदद करता रहा है।

लेकिन ओमान ने इस टैक्स के जरिए एक नई राह पकड़ ली है, एक ऐसी राह जो तेल पर निर्भरता से बाहर निकलने की कोशिश का हिस्सा है।

इस टैक्स की दर 5% रखी गई है, जो सीधे तौर पर केवल टॉप 1% इनकम ग्रुप पर लागू होगी। इसका मतलब आम आदमी या मिडिल क्लास इस टैक्स दायरे में नहीं आएंगे।


तेल से हटकर आर्थिक विविधता की तरफ कदम

ओमान के वित्त मंत्री सईद बिन मोहम्मद अल-सक्री ने स्पष्ट किया है कि ये नया टैक्स देश की आर्थिक संरचना को स्थिर करने और राजस्व के वैकल्पिक स्रोत बनाने का प्रयास है।

इस समय ओमान का लगभग 68-85% सरकारी राजस्व सिर्फ तेल और गैस से आता है। लेकिन ये स्रोत अत्यधिक अस्थिर माना जाता है, कभी भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें गिर जाएं, तो देश की अर्थव्यवस्था डगमगाने लगती है। नया टैक्स सिस्टम इन जोखिमों को कम करने की एक रणनीतिक कोशिश है।


ओमान विजन 2040 और पंचवर्षीय योजना से जुड़ाव

ये फैसला ओमान के "विजन 2040" और दसवीं पंचवर्षीय योजना (2021-2025) के उद्देश्यों के साथ पूरी तरह जुड़ा हुआ है।

वहीं वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस टैक्स से मिलने वाला राजस्व शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आधारभूत संरचना जैसी सेवाओं में खर्च किया जाएगा।

सरकार ने साफ किया है कि उनकी मंशा है कि तेल से मिलने वाली आय को दीर्घकालिक, टिकाऊ स्रोतों से पूरक किया जाए, ताकि भविष्य में वैश्विक संकटों से निपटना आसान हो।


क्रेडिट रेटिंग और निवेश माहौल को भी मिलेगा बढ़ावा

इस फैसले का असर केवल राजस्व संग्रहण तक सीमित नहीं रहेगा। वित्त मंत्री के मुताबिक, नया टैक्स सिस्टम ओमान की क्रेडिट रेटिंग, इंटरनेशनल फाइनेंशियल मार्केट्स में विश्वसनीयता, और लोकल-फॉरेन इन्वेस्टमेंट को भी बढ़ावा देगा।

सरकार का कहना है कि वो इस टैक्स को पारदर्शी, सरल और डिजिटल-फ्रेंडली बनाने की कोशिश करेगी, जिससे उच्च आय वर्ग के लोग भी सहजता से इसका पालन कर सकें।


क्या प्रवासी प्रभावित होंगे?

अभी तक के संकेतों के मुताबिक ये टैक्स ओमानी नागरिकों और ओमान में रेजिडेंट हाई इनकम इंडिविजुअल्स पर लागू होगा।

प्रवासी वर्ग, खासकर मिडल क्लास या लोअर इनकम ग्रुप इससे बाहर रहेगा। हालांकि इस पर और स्पष्टता आने वाले महीनों में सरकार के दिशानिर्देशों से मिलेगी।


खाड़ी में हो सकती है नई शुरुआत

विशेषज्ञों का मानना है कि ओमान का ये फैसला खाड़ी में एक नया उदाहरण बन सकता है।

इससे प्रेरित होकर बाकी GCC देश (जैसे सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, बहरीन, कतर) भी अगले कुछ वर्षों में ऐसे ही टैक्स स्ट्रक्चर पर विचार कर सकते हैं, खासकर तब जब तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव लगातार चिंता का विषय बनी हुई है।


इतिहास रचते हुए भविष्य की तरफ

ओमान का इनकम टैक्स लागू करने का फैसला सिर्फ एक वित्तीय कदम नहीं है, ये एक संकेत है, कि खाड़ी अब आर्थिक बदलाव के दौर में प्रवेश कर रही है। ये बदलाव धीमा है, लेकिन दीर्घकालिक है।

2028 भले दूर हो, लेकिन ओमान ने जो रास्ता चुना है, वो भविष्य की आर्थिक चुनौतियों से निपटने की तैयारी का पहला मजबूत कदम कहा जा सकता है।

बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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