ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मंत्री-स्तरीय बैठक के दौरान हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और वैश्विक चुनौतियों पर विस्तृत बातचीत हुई।
आतंकवाद पर भारत का कड़ा संदेश
बैठक में जयशंकर ने सबसे पहले आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की सख़्त स्थिति को सामने रखा। उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद के लिए किसी भी तरह का बहाना स्वीकार नहीं किया जा सकता और भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाता रहेगा।
जयशंकर ने दो हालिया हमलों का जिक्र किया:
- कश्मीर के पहलगाम में हमला, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई
- दिल्ली के लालकिले के पास कार ब्लास्ट, जिसमें 15 लोगों की जान गई
उन्होंने कहा कि ये घटनाएं बताती हैं कि आतंकवाद का खतरा लगातार बढ़ रहा है और SCO देशों को मिलकर इससे निपटने की जरूरत है।
SCO में सुधार और आधुनिकीकरण की जरूरत
विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि SCO को समय के साथ बदलना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि अंग्रेजी को भी संगठन की आधिकारिक भाषा बनाया जाए, क्योंकि अभी केवल रूसी और चीनी भाषाओं का इस्तेमाल होता है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ने के उद्देश्य से बने इस संगठन को अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और व्यापार पर चर्चा
जयशंकर ने दुनिया में बढ़ती आर्थिक अस्थिरता और सप्लाई चेन में आ रही चुनौतियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देशों को आपसी व्यापार और सहयोग को मजबूत करना चाहिए। भारत कई SCO देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर काम कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
सांस्कृतिक साझेदारी और मानवीय सहयोग
बैठक में संस्कृति और मानवीय सहायता से जुड़े मुद्दे भी उठे। जयशंकर ने बताया कि भारत और SCO देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्ते बेहद गहरे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत कई देशों में भगवान बुद्ध के अवशेषों की प्रदर्शनियां लगा चुका है और आगे भी विरासत संरक्षण में सहयोग देने को तैयार है।
महामारी के समय भारत द्वारा वैक्सीन, दवाइयां और मेडिकल उपकरण भेजकर SCO देशों की मदद करने का भी उन्होंने उल्लेख किया।
भारत–रूस ऊर्जा व्यापार में नई ऊंचाई
CREA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अक्टूबर में रूस से 2.5 बिलियन डॉलर का कच्चा तेल खरीदकर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। चीन पहले स्थान पर है।
भारत ने अक्टूबर में:
- 351
मिलियन
डॉलर
का
कोयला
- 222
मिलियन
डॉलर
के
तेल
उत्पाद
भी
रूस
से
आयात
किए।
इससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध और मजबूत हुए हैं।
लावरोव से मुलाकात और आगामी समझौते
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात में जयशंकर ने बताया कि भारत और रूस के बीच ऊर्जा, विज्ञान, अंतरिक्ष, रक्षा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में नए समझौते अंतिम चरण में हैं। दोनों देशों ने यूक्रेन संकट, पश्चिम एशिया की स्थिति और अफगानिस्तान के हालात पर भी चर्चा की।
भारत–रूस शिखर सम्मेलन की तैयारी
जयशंकर का यह दौरा PM नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच अगले महीने नई दिल्ली में होने वाले 23वें वार्षिक भारत–रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों का हिस्सा है। रूस द्वारा बैठक की मेजबानी के लिए उन्होंने रूसी प्रधानमंत्री का आभार जताया।
यह मुलाकात दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी और बढ़ते सहयोग की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
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