ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त 2025 को जापान की राजधानी टोक्यो पहुँच चुके हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के आमंत्रण पर पीएम मोदी 15वें वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान आए हैं। यह उनकी आठवीं जापान यात्रा है और मई 2023 में पिछली यात्रा के बाद यह पहली बड़ी और महत्वपूर्ण बैठक मानी जा रही है।
भव्य और देसी अंदाज में स्वागत
जापान पहुंचते ही पीएम मोदी का स्वागत बेहद उत्साह और देसी अंदाज में किया गया। इस दौरान भारतीय प्रवासियों और जापानी नागरिकों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारों के साथ उन्हें अभिनंदन किया। स्वागत समारोह में राजस्थानी लोकगीत और भजन भी शामिल थे। एक जापानी महिला, मधु नामक, जिन्होंने पांच साल से हिंदी सीखी थी, उन्होंने पीएम मोदी के अनुरोध पर भजन गाया, जिसे सुनकर पीएम मोदी ने “वाह” कहकर उसकी तारीफ की। इसके अलावा जापानी समुदाय ने गायत्री मंत्र और अन्य मंत्रों के साथ पीएम का स्वागत किया।
यात्रा का उद्देश्य और वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी ने जापान यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट किया कि यह दौरा भारत-जापान की रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को नए आयाम देने के लिए है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए हैं और अब दोनों देशों का ध्यान आर्थिक सहयोग, निवेश, नई तकनीकें, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सेमीकंडक्टर क्षेत्र पर केंद्रित होगा।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, “टोक्यो पहुंच गया हूं। भारत और जापान अपने विकासात्मक सहयोग को और मजबूत कर रहे हैं। मैं इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री इशिबा और अन्य लोगों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं, जिससे मौजूदा साझेदारियों को और मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने का अवसर मिलेगा।”
यात्रा के पहले दिन की चर्चाओं में यह संभावना जताई जा रही है कि जापान भारत में अपने निवेश को दोगुना करने का वादा कर सकता है। इसके अलावा रक्षा, तकनीकी और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा
है जब अमेरिका की व्यापार और शुल्क नीतियों के कारण भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव देखा जा रहा है, इसलिए भारत-जापान सहयोग की रणनीतिक अहमियत और भी बढ़ गई है।
आगे की योजना
जापान दौरे के बाद पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह उनकी सात साल बाद चीन यात्रा होगी और 2020 के गलवान घाटी झड़प के बाद पहली महत्वपूर्ण मुलाकात मानी जाएगी।
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