ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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पुतिन की दिल्ली में भव्य एंट्री
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को शाम को नई दिल्ली पहुंचे। यह
उनकी यूक्रेन युद्ध के बाद पहली भारत यात्रा है, जो कुल 28-30 घंटे की रही। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल
एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ और वे सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
आवास 7, लोक
कल्याण मार्ग गए। वहां पीएम मोदी के साथ प्राइवेट डिनर हुआ, जो दोनों देशों की गहरी दोस्ती को दिखाता
है।
सुरक्षा का पर्दा शहर भर में
पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में सुरक्षा के सख्त इंतजाम थे। पूरी
राजधानी को 5 लेयर की सुरक्षा घेराबंदी में लपेट दिया गया। दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां
और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम हर तरफ तैनात रहीं। SWAT टीमें और एंटी-टेरर स्क्वायड सड़कों पर
गश्त कर रही थीं, ताकि कोई खतरा न हो। पुतिन का विशेष IL-96 जेटलाइनर विमान, जो उड़ता कमांड सेंटर है, शाम 4:30 बजे लैंड हुआ,
हालांकि कुछ
रिपोर्ट्स में 6:30 बजे का समय बताया गया।
5 दिसंबर का व्यस्त दिन
अगले दिन सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
ने पुतिन का राष्ट्रीय ध्वज के नीचे स्वागत किया। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद वे राजघाट
गए, जहां
महात्मा गांधी की समाधि पर फूल चढ़ाए और शांति का संदेश दिया। यह हर विदेशी मेहमान
की परंपरा है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देती है। दोपहर में हैदराबाद
हाउस में 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन हुआ।
रक्षा और व्यापार पर गहरी बातचीत
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पुतिन ने पहले अकेले में, फिर डेलिगेशन स्तर
पर द्विपक्षीय बैठक की। फोकस रक्षा सौदों पर रहा - जैसे एसयू-57 फाइटर जेट, एस-500 मिसाइल सिस्टम और
ब्रह्मोस मिसाइल का नया वर्जन। भारत रूस से सालाना 65 अरब डॉलर का आयात करता है, लेकिन निर्यात सिर्फ
5 अरब
डॉलर का। इस व्यापार असंतुलन को सुधारने, ऊर्जा, तेल, विज्ञान-तकनीक और संस्कृति पर चर्चा हुई। यह 25
साल पुरानी रणनीतिक
साझेदारी को मजबूत करने का मौका था।
बिजनेस फोरम और आलीशान डिनर
शाम को भारत मंडपम में भारत-रूस बिजनेस फोरम आयोजित हुआ। दोनों नेताओं
ने व्यापार, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी पर भाषण दिए। रूस टुडे चैनल भारत में 100
लोगों वाला ब्यूरो
खोलेगा, जो
मीडिया संबंधों को बढ़ाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में
स्टेट बैनक्वेट दिया - एक आलीशान दावत। रात 9:30 बजे पुतिन ने दिल्ली से विदाई ली।
भारत-रूस रिश्तों का नया अध्याय
यह छोटा लेकिन महत्वपूर्ण दौरा दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई दे गया। रक्षा, ऊर्जा और व्यापार में नए समझौते हुए, जो भविष्य के लिए मजबूत आधार बनेंगे। यूक्रेन संकट के बीच भारत की तटस्थ नीति और रूस की दोस्ती बरकरार रही। वैश्विक मंच पर यह साझेदारी कई देशों के लिए मिसाल बनी। पुतिन की यात्रा ने साबित किया कि भारत-रूस की दोस्ती वक्त की कसौटी पर खरी उतरती है।
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