ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कड़ा संदेश दिया है। पुतिन ने साफ कहा कि भारत और चीन जैसे देश टैरिफ या किसी भी तरह की धमकी से डरने वाले नहीं हैं। उनका यह बयान चीन की विक्ट्री डे परेड में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान सामने आया।
ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी पर निशाना
दरअसल, डोनाल्ड ट्रम्प कई बार भारत पर आरोप लगा चुके हैं कि वह रूस से सस्ता तेल खरीदता है और यूक्रेन युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से रूस का समर्थन करता है। ट्रम्प की दलील है कि उनकी टैरिफ पॉलिसी अमेरिका के लिए "जादुई हथियार" है, जिससे उन्होंने सात युद्धों को रोका है। हाल ही में उन्होंने एक रेडियो शो में कहा कि टैरिफ की वजह से अमेरिका और मजबूत हुआ है।
SCO समिट में दोस्ती का संदेश
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत पर अमेरिकी टैरिफ का दबाव बढ़ रहा है और चीन व्यापार युद्ध से जूझ रहा है। हाल ही में तियानजिन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पुतिन एक मंच पर नजर आए। तीनों नेताओं ने एक-दूसरे का हाथ थामकर अपनी दोस्ती का प्रदर्शन किया।
अमेरिका की नाराज़गी
हालांकि भारत, रूस और चीन की नजदीकियों पर अमेरिका ने आपत्ति जताई है। ट्रम्प के सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि मोदी का पुतिन और शी जिनपिंग के साथ खड़ा होना "शर्मनाक" है। उनका कहना था कि भारत को रूस की बजाय अमेरिका का साथ देना चाहिए।
भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है। सरकार का कहना है कि देश अपनी ऊर्जा ज़रूरतों और जनता के हित को ध्यान में रखकर फैसले लेता है, किसी बाहरी दबाव में नहीं। वही पुतिन का यह बयान साफ संकेत देता है कि भारत और चीन पर दबाव बनाने की अमेरिकी कोशिशें कामयाब नहीं होंगी। बल्कि, यह बड़े देशों को और ज्यादा करीब ला सकती हैं।
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