रूस में मंगलवार को आए 8.8 तीव्रता के जोरदार भूकंप ने पूरी दुनिया में खौफ पैदा कर दिया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने पुष्टि की है कि ये भूकंप कामचत्स्की क्षेत्र से 136 किलोमीटर पूर्व में आया।दरअसल, इस भूकंप के बाद से न सिर्फ रूस बल्कि जापान, अमेरिका और कई द्वीपीय देशों में भी सुनामी का खतरा मंडराने लगा है।जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने इसको लेकर चेतावनी भी जारी कर दी है, जिसके बाद लोगों ने अपने-अपने घरों को छोड़ना शुरू कर दिया है।कई इलाकों में टकराईं सुनामी की लहरें, सायरन बजाकर लोगों को किया गया अलर्टवहीं, रूस के कुरिल आइलैंड के कुछ हिस्सों में सुनामी की लहरें समुद्र से टकराती दिखी हैं।गौर करने वाली बात ये है कि, जैसे ही भूकंप के बाद अलर्ट जारी हुआ, कई जगहों पर प्रशासन की तरफ से सायरन बजा कर लोगों को सचेत किया गया।साथ ही, लोगों से साफ कहा गया कि वे किसी भी हाल में तटीय इलाकों की ओर न जाएं और ऊंचे व सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ें। समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और यह खतरे की निशानी है।हवाई समेत कई देशों में भी सुनामी का खतरा, जापान सरकार ने बनाई इमरजेंसी कमेटीबेहतर यही होगा कि, सुनामी के बढ़ते खतरे को लेकर दुनिया के बाकी हिस्सों की बात भी कर ली जाए।हवाई काउंटी सिविल डिफेंस एजेंसी ने सोशल मीडिया के ज़रिए बताया कि इस भूकंप की ताकत इतनी ज्यादा है कि हवाई तक भी विनाशकारी लहरें पहुंच सकती हैं।फिलहाल, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा को भी इसकी जानकारी दी गई है और सरकार ने तुरंत एक आपातकालीन समिति बनाकर हालात की निगरानी और तैयारी शुरू कर दी है।आपको बता दें कि, जापान के मौसम विभाग ने अपने देश के कई इलाकों में 1 मीटर तक ऊंची लहरों के उठने की चेतावनी दी है।भूकंप की उथली गहराई बनी वजह, कई देशों में लहरें पहुंचने की आशंकाकहना गलत नहीं होगा कि, इस बार का भूकंप इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि इसकी गहराई बहुत कम थी।USGS के अनुसार, यह भूकंप सिर्फ 19.3 किलोमीटर की गहराई पर आया था। इससे सतह पर असर ज़्यादा होता है और सुनामी आने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि 0.3 से 1 मीटर ऊंची लहरें चुउक, कोसरे, मार्शल आइलैंड्स, पलाऊ और फिलीपींस के कुछ हिस्सों तक भी पहुंच सकती हैं।इसलिए, इन सभी देशों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।रूस के कई इलाकों में निकासी जारी, किसी की जान जाने की खबर नहींफिलहाल, रूस के क्षेत्रीय गवर्नर ने जानकारी दी है कि अब तक किसी के जान गंवाने की खबर नहीं आई है।हालांकि, कामचत्स्की के सखालिन इलाके में एक किंडरगार्टन को नुकसान पहुंचा है। वहीं, सखालिन के गवर्नर ने कहा है कि सेवेरो-कुरिल्स्क जैसे छोटे शहरों से लोगों को निकाला जा रहा है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फोर्सेज एक्टिव हैं।अधिकारियों ने जनता से आग्रह किया है कि वे अलर्ट रहें और किसी भी तरह के अफवाहों से दूर रहें।इतिहास में भी दर्ज है कामचत्स्की के भूकंपों का कहरयूं तो, रूस का कामचत्स्की इलाका भूकंप के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन इस बार के झटके दशकों में सबसे ताकतवर माने जा रहे हैं।कामचत्स्की के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने टेलीग्राम पर एक वीडियो में कहा कि यह झटका कई दशकों में सबसे ताकतवर रहा है।आपको याद दिला दें कि, जुलाई की शुरुआत में भी कामचत्स्की में 5 बड़े भूकंप दर्ज किए गए थे। उस वक्त भी एक भूकंप की तीव्रता 7.4 रही थी।इतिहास के पन्नों में जाएं तो, 4 नवंबर 1952 को भी इस इलाके में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने हवाई में 9.1 मीटर ऊंची लहरें पैदा की थीं।गनीमत यह रही थी कि तब कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन इस बार की स्थिति कहीं ज्यादा गंभीर मानी जा रही है।बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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