न्यूक्लियर बम का जखीरा हुआ डबल! कौन देश कितने हथियार लेकर बैठा है?

दुनिया पहले से कहीं ज़्यादा खतरनाक हो चुकी है। एक तरफ जहां रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका-चीन और भारत-पाकिस्तान जैसे रिश्तों में तल्ख़ी रोज़ नए मोड़ ले रही है।

ऐसे में अगर कोई चीज़ है जो सबसे ज़्यादा डर पैदा करती है, तो वो है, परमाणु हथियार, और इसी डर को और पुख्ता कर देती है स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) की 2025 की ताज़ा रिपोर्ट।

गौर करने वाली बात ये है कि इस रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि दुनिया में अब कुल 12,241 न्यूक्लियर वॉरहेड्स मौजूद हैं, यानी एक झटके में पूरी धरती को तबाह करने की क्षमता अब और भी ज़्यादा बढ़ चुकी है।


कौन-कौन देश हैं इस परमाणु जखीरे के मालिक?

रिपोर्ट में बताया गया है कि 9 देश ऐसे हैं जिनके पास न्यूक्लियर हथियार मौजूद हैं, अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम (UK), फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इज़राइल।

हैरानी की बात ये है कि इनमें से कई देश लगातार अपने पुराने हथियारों को अपग्रेड कर रहे हैं और नए-नए वॉरहेड्स का निर्माण कर रहे हैं, यानी ये ‘जखीरा’ ना सिर्फ बरकरार है, बल्कि तकनीकी रूप से और घातक होता जा रहा है।


कितने हथियार, किस देश के पास?


  • रूस: सबसे ज़्यादा न्यूक्लियर वॉरहेड्स, 5,459

  • अमेरिका: दूसरे नंबर पर, 5,177

  • चीन: अब तक, 600

  • भारत: बढ़कर हुए, 180

  • पाकिस्तान: करीब, 170

  • UK: लगभग, 225

  • फ्रांस: आंकड़ा, 290

  • उत्तर कोरिया: अनुमानित, 50

  • इज़राइल: गोपनीय तौर पर, 90


अब सोचिए, जब अकेले अमेरिका और रूस मिलकर दुनिया के आधे से ज़्यादा परमाणु हथियारों के मालिक हों, तो दुनिया का संतुलन कितना नाजुक हो गया है।


भारत भी पीछे नहीं, सुरक्षा अब और मज़बूत

रिपोर्ट में खास बात ये भी बताई गई है कि भारत भी अब तेज़ी से अपने न्यूक्लियर सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है।

खासतौर से न्यूक्लियर डिलीवरी सिस्टम, यानी ऐसे मिसाइल और एयरक्राफ्ट सिस्टम, जो परमाणु हथियारों को दुश्मन के इलाके तक पहुंचा सके, उनका निर्माण अब और तेज़ हुआ है। भारत के पास अब 180 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं और ये संख्या हर साल बढ़ रही है।

दरअसल, भारत की रणनीति अब ‘डिटरेंस’ यानी रोकथाम पर टिकी है, मतलब खुद पर हमला न हो, इसलिए ऐसी ताकत दिखाओ कि कोई हमला करने की सोचे भी नहीं।


क्या वाकई है खतरा या सिर्फ डर की राजनीति?

इस सवाल का जवाब आसान नहीं है। पर सच ये है कि हर बड़ा देश आज अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुटा है। SIPRI की रिपोर्ट यही बताती है कि ज्यादातर देश अब अपनी न्युक्लियर पॉलिसी को और उग्र बना रहे हैं।

खासकर रूस और अमेरिका जैसे देश जहां पहले हथियारों की संधि होती थी, अब वहां प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है।

इधर उत्तर कोरिया जैसे अस्थिर देश, और उधर मिडल ईस्ट में इज़राइल जैसे प्लेयर्स, पूरी तस्वीर को और भी विस्फोटक बना देते हैं।


क्या कोई उम्मीद बाकी है?

हालांकि इस बढ़ते जखीरे के बीच कुछ देश हथियार नियंत्रण समझौतों की बात भी कर रहे हैं, मगर ये सब महज़ कागज़ों तक सीमित लगता है।

SIPRI की रिपोर्ट एक साफ संदेश देती है, दुनिया अब एक ऐसी स्थिति में पहुंच रही है जहां एक छोटी सी चूक पूरी मानवता को तबाह कर सकती है।


अंत में समझें, ये सिर्फ आंकड़े नहीं, खतरे की घंटी है

जब दुनिया के 9 देश मिलकर 12,000 से ज़्यादा परमाणु हथियार जमा कर चुके हों, तो ये न आंकड़े हैं, न रिपोर्ट, ये एक खतरनाक हकीकत है।

ये वो सच्चाई है, जिसे समझना और उसे बदलने की कोशिश करना अब सिर्फ नेताओं की जिम्मेदारी नहीं, हम सबकी चेतना की मांग है।

आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।

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