ट्रंप से टकराव मस्क को पड़ा महंगा! एक झटके में 12 अरब डॉलर का नुकसान!

कभी डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाने वाले एलन मस्क पर अब वही अमेरिकी राष्ट्रपति तलवार लटकाने लगे हैं।


हालात ऐसे बन चुके हैं कि ट्रंप मस्क को डिपोर्ट करने तक की बात कह रहे हैं, और इस धमकी का असर इतना जबरदस्त रहा कि टेस्ला के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखी गई।


एक दिन में मस्क को सीधे-सीधे 12.1 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। यानी दोस्ती के बदले दुश्मनी का ये खामियाजा किसी आर्थिक भूकंप से कम नहीं रहा।


US प्रेसिडेंट की सीधी धमकी, 'उन्हें वापस साउथ अफ्रीका भेजना होगा'


मंगलवार को जब मीडिया ने ट्रंप से पूछा कि क्या वो एलन मस्क को देश से बाहर भेजने यानी डिपोर्ट करने पर विचार कर रहे हैं, तो उन्होंने कह दिया, “हमें इस पर जरूर विचार करना होगा।”


यहीं से बात एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई। ट्रंप ने आगे कहा कि मस्क की कंपनियों को दी जा रही सब्सिडी पर भी अब पुनर्विचार होगा।


यहां तक कह दिया गया कि अगर सब्सिडी हटी, तो मस्क को "अपना बोरिया-बिस्तर समेटकर वापस साउथ अफ्रीका जाना पड़ेगा"।


मस्क बोले, 'सब बंद कर दीजिए, मैं तैयार हूं'


दूसरी तरफ एलन मस्क भी चुप नहीं बैठे। उन्होंने भी खुलेआम कहा, “अगर ऐसा है तो सब कुछ बंद कर दीजिए। मैं तैयार हूं।”


एक ओर अमेरिका का राष्ट्रपति और दूसरी ओर दुनिया का सबसे अमीर इंसान, जब दोनों ही बगावती तेवर में हों, तो जाहिर है कंपनियों को झटका लगना ही है।


टेस्ला के शेयरों में गिरावट और अरबों का झटका


इस तकरार का सीधा असर टेस्ला के निवेशकों और खुद मस्क पर पड़ा। टेस्ला के शेयरों में मंगलवार को 5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।


इससे मस्क को एक ही दिन में 12.1 अरब डॉलर यानी करीब 1 लाख करोड़ रुपये का घाटा हो गया।


ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार, इस गिरावट के बाद एलन मस्क की कुल संपत्ति घटकर 351 अरब डॉलर पर आ गई है।


250 मिलियन डॉलर की मदद और अब यही हाल


गौर करने वाली बात ये है कि एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप के समर्थन में करीब 250 मिलियन डॉलर यानी 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए थे।


यही नहीं, सत्ता में आने के बाद ट्रंप ने उन्हें अपने एडवाइजरी पैनल में भी शामिल किया था।


लेकिन अब वही ट्रंप मस्क को देश से बाहर निकालने की धमकी दे रहे हैं। यानी राजनीति में न दोस्ती स्थायी होती है, न ही भरोसा।


'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' बना जंग की असली वजह


असल में मस्क और ट्रंप के बीच जो तकरार है, उसकी असली जड़ है, 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल'। मस्क इस बिल के खिलाफ शुरू से ही मुखर रहे हैं। उन्होंने इसे "पागलपन" तक कह डाला।


उनका कहना है कि ये बिल अमेरिकी टैक्सपेयर्स पर भारी पड़ेगा और देश की अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह चाट जाएगा।


ट्रंप की सरकार ने अब इस बिल को सीनेट में पास करवा लिया है, जिससे मस्क की नाराजगी चरम पर पहुंच गई है।


नई पार्टी बनाने का भी एलान कर सकते हैं मस्क?


खबरें ये भी आ रही हैं कि एलन मस्क अब खुद एक नई राजनीतिक पार्टी शुरू करने की सोच रहे हैं। अगर ऐसा होता है, तो अमेरिकी राजनीति में बड़ा भूचाल आ सकता है।


मस्क का मानना है कि मौजूदा सिस्टम बिजनेस के खिलाफ हो चला है, और उसे बदलने का वक्त आ गया है।


निवेशकों की चिंता बढ़ी, बाजार में अनिश्चितता


एलन मस्क को लेकर बनी इस अनिश्चितता का असर सिर्फ टेस्ला तक सीमित नहीं रहेगा।


एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर सरकार मस्क पर आर्थिक दबाव बनाना जारी रखती है, तो इससे टेस्ला, स्पेसएक्स, न्यूरालिंक जैसी कंपनियों की ग्रोथ पर ब्रेक लग सकता है, और इसका सीधा असर ग्लोबल टेक मार्केट पर भी पड़ेगा।


क्या दुश्मनी अब और बढ़ेगी?


फिलहाल जो हालात हैं, उससे तो यही लगता है कि ट्रंप और मस्क के बीच की ये तकरार और बढ़ सकती है।


ट्रंप के तेवर नरम नहीं पड़ते दिख रहे और मस्क भी पीछे हटने वालों में से नहीं हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में और भी राजनीतिक बयानबाजियों और आर्थिक झटकों के लिए तैयार रहिए।


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