ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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अमेरिका
और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापार तनाव में अब थोड़ी नरमी देखने को मिली
है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात
दक्षिण कोरिया के बुसान में हुई, जहां दोनों नेताओं ने करीब 100 मिनट तक बातचीत की।
इस अहम बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और दोनों देशों के बीच कुछ सहमतियां भी बनीं।
सबसे बड़ा फैसला यह रहा कि अमेरिका ने चीन पर लगाया गया 20% टैरिफ घटाकर 10% कर दिया
है।
फेंटानिल पर कार्रवाई के बदले घटाया गया टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने चीन पर फेंटानिल से जुड़ी चिंताओं के कारण 20% का टैरिफ लगाया था। फेंटानिल एक खतरनाक ड्रग है, जिसकी वजह से अमेरिका में हजारों लोगों की मौतें हो चुकी हैं। ट्रंप ने बताया कि उन्हें भरोसा है कि शी जिनपिंग इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करेंगे और अमेरिका में फैल रही फेंटानिल से होने वाली मौतों को रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। इसी भरोसे के चलते उन्होंने टैरिफ को 10% तक घटाने का फैसला किया है।
यह
फैसला तुरंत प्रभाव से लागू होगा। ट्रंप ने कहा कि उनका यह कदम अमेरिका और चीन के बीच
भरोसे को मजबूत करेगा और दोनों देशों के बीच चल रहे आर्थिक तनाव को कम करेगा।
चीन खरीदेगा अमेरिकी सोयाबीन और कृषि उत्पाद
मुलाकात के दौरान एक और बड़ा फैसला यह हुआ कि चीन अब अमेरिका से बड़ी मात्रा में सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पाद खरीदेगा। ट्रंप ने एयर फोर्स वन विमान में मीडिया से बात करते हुए बताया कि शी जिनपिंग ने इस पर सहमति जताई है और खरीद जल्द शुरू होगी।
गौरतलब है कि ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन ने मई में अमेरिकी सोयाबीन खरीदना बंद कर दिया था। इसके कारण अमेरिकी किसानों के पास अरबों डॉलर की फसलें बिना बिके पड़ी रह गईं और उन पर आर्थिक संकट गहराने लगा था। अब इस समझौते के बाद अमेरिकी किसानों में राहत की उम्मीद जगी है।
बुसान में हुई 100 मिनट की बैठक
दोनों नेताओं की यह मुलाकात बुसान के गिम्हे एयरबेस पर हुई। बिजी शेड्यूल होने की वजह से यह बैठक एयरपोर्ट पर ही आयोजित की गई। ट्रंप ने शी जिनपिंग का स्वागत किया और दोनों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। 6 साल बाद हुई इस मुलाकात को ऐतिहासिक बताया जा रहा है।
इससे पहले ट्रंप और शी जिनपिंग की आखिरी मुलाकात 2019 में हुई थी। उस समय भी दोनों देशों के बीच व्यापार विवाद चर्चा का मुख्य विषय था। इस बार ट्रंप ने कहा कि यह बैठक “बहुत कामयाब” रही और उन्हें विश्वास है कि आगे अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे।
दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी रहे मौजूद
ट्रंप
के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर, वित्त
मंत्री स्कॉट बेसेन्ट और चीन में अमेरिकी राजदूत डेविड पर्ड्यू सहित कई वरिष्ठ अधिकारी
मौजूद थे। वहीं, शी जिनपिंग के साथ चीफ ऑफ स्टाफ कै क्यू, विदेश मंत्री वांग यी, उप
प्रधानमंत्री हे लिफेंग और वाणिज्य मंत्री वांग वेंटाओ जैसे शीर्ष अधिकारी भी उपस्थित
रहे। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने व्यापार, सुरक्षा और दवा नियंत्रण से जुड़े
मुद्दों पर गहन चर्चा की।
चीन के बाजार में आई तेजी
ट्रंप-शी
जिनपिंग की बैठक शुरू होते ही चीन के शेयर बाजारों में सकारात्मक असर दिखा। शंघाई कंपोजिट
इंडेक्स 0.2% बढ़कर 4,025.70 के स्तर पर पहुंच गया, जो 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर
है। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स भी 0.6% बढ़ा। निवेशकों को उम्मीद है कि अमेरिका-चीन
संबंधों में सुधार से व्यापारिक माहौल बेहतर होगा।
आगे क्या?
बुसान
बैठक के बाद अब दुनिया की निगाहें इस बात पर हैं कि दोनों देश आधिकारिक स्तर पर कौन
से समझौते जारी करते हैं। अगर ये फैसले लंबे समय तक टिके रहे, तो यह वैश्विक व्यापार
पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
ट्रंप
अपने एशिया दौरे के बाद अब अमेरिका लौट चुके हैं। उन्होंने रवाना होने से पहले कहा
— “यह बातचीत केवल व्यापार की नहीं थी, बल्कि भरोसे की थी। शी जिनपिंग सम्मानित और
मजबूत नेता हैं, और मैं मानता हूं कि हम एक नई शुरुआत कर रहे हैं।”
बहरहाल,
ट्रंप और शी जिनपिंग की 6 साल बाद हुई यह मुलाकात अमेरिका-चीन के रिश्तों में एक नई
उम्मीद लेकर आई है। टैरिफ घटाने और सोयाबीन खरीदने जैसे कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक
तनाव को कम कर सकते हैं। अब देखना होगा कि यह दोस्ताना रुख कितने समय तक बना रहता है
और वैश्विक बाजारों पर इसका क्या असर पड़ता है।
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